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World Chess Championships: भारत के 18 साल के डी गुकेश बने शतरंज के नए विश्व चैंपियन, खत्म की चीन की बादशाहत

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भारत के डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है. 18 साल के गुकेश शतरंज के नए विश्व चैंपियन बन गए हैं. वे यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के दूसरे खिलाड़ी हैं.

New Delhi: भारत के डी गुकेश ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया है. 18 साल के गुकेश शतरंज के नए विश्व चैंपियन बन गए हैं. उन्होंने फीडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के फाइनल में गत चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर अपनी बादशाहत साबित की. भारतीय ग्रैंडमास्टर ने चीन के डिंग लिरेन को 14वीं बाजी में हराकर खिताब अपने नाम किया. गुकेश ने यह जीत काले मोहरों से खेलते हुए दर्ज की.  उन्होंने चार घंटे में 58 चाल के बाद बाजी जीती और 18वें विश्व शतरंज चैंपियन बने. गुकेश ने यह चैंपियनशिप 7.5-6.5 से अपने नाम की. उन्हें इस जीत से करीब 11.45 करोड़ रुपए की इनामी राशि मिली.

डोम्माराजू गुकेश ने वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतकर इतिहास में कई पन्ने जोड़ दिए हैं. वे शतरंज की दुनिया के सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बन गए हैं. डी गुकेश ने इस जीत के साथ ही विश्व नाथन आनंद के एलीट क्लब में एंट्री मार ली है. वे विश्व चैंपियन बनने वाले भारत के सिर्फ दूसरे शतरंज खिलाड़ी हैं. विश्वनाथन आनंद यह उपलब्धि हासिल करने वाले भारत के पहले खिलाड़ी हैं. पांच बार के विश्व चैंपियन आनंद ने 2013 में विश्व चैंपियनशिप खिताब गंवा दिया था.

भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश अपने चीनी प्रतिद्वंद्वी डिंग लिरेन के साथ 13 बाजियों के बाद 6.5-6.5 की बराबरी पर थे. 14वीं बाजी में डिंग लिरेन सफेद मोहरों से खेल रहे थे. ऐसे में उनका पलड़ा भारी माना जा रहा था. लेकिन डी गुकेश ने सारे कयासों को धता बताते हुए ना सिर्फ बाजी जीती, बल्कि सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बनने का कारनामा भी कर दिखाया. गुकेश ने 14वीं बाजी से पहले तीसरे और 11वें दौर में जीत हासिल की थी. 32 वर्षीय लिरेन ने शुरुआती बाजी के अलावा 12वीं बाजी अपने नाम की थी. अन्य सभी बाजियां ड्रॉ रही.

कास्पोरोव का रिकॉर्ड तोड़ा
डी गुकेश की खिताबी जीत से पहले सबसे कम उम्र में विश्व शतरंज चैंपियन बनने का रिकॉर्ड रूस के दिग्गज गैरी कास्पारोव के नाम था. उन्होंने 1985 में अनातोली कार्पोव को हराकर 22 साल की उम्र में खिताब जीता था. गुकेश इस साल की शुरुआत में कैंडिडेट्स टूर्नामेंट जीतने के बाद विश्व खिताब के लिए चुनौती पेश करने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने थे.

7 साल की उम्र से खेलना शुरू किया
डी गुकेश ने 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया. गुकेश के शिक्षकों ने उनके टैलेंट को पहचाना और उनके माता-पिता को उनकी संभावनाओं के बारे में बताया. इसके बाद गुकेश के पैरेंट्स ने अपने बच्चे को कोचिंग दिलाई.गुकेश दुनिया के सबसे युवा ग्रैंडमास्टर्स में से एक हैं. उन्होंने 2019 में महज 12 साल, 7 महीने और 17 दिनों की उम्र में ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल किया था.

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