नई दिल्ली

Waqf: ‘वक्फ संपत्तियों को हड़पने के लिए संशोधन विधेयक लाई है केंद्र सरकार’, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का आरोप

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वक्फ संपत्ति को हड़पने के उद्देश्य से केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आई है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता को भी अस्वीकार्य बताया। इलियास ने कहा कि ‘यह धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विविधता के खिलाफ है, जिसकी गारंटी संविधान देता है। यह मौलिक अधिकार है।’

New Delhi: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आरोप लगाया है कि वक्फ संपत्ति को हड़पने के उद्देश्य से केंद्र सरकार वक्फ संशोधन विधेयक लेकर आई है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता एस क्यूआर इलियास ने ये भी आरोप लगाया कि वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर बनी जेपीसी अपना काम ईमानदारी से नहीं कर रही है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का भी विरोध किया। 

‘जेपीसी ईमानदारी से काम नहीं कर रही है’

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का 29वां सम्मेलन रविवार को बंगलूरू में समाप्त हुआ। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए बोर्ड के प्रवक्ता एस क्यूआर इलियास ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक के सभी प्रस्तावित 44 संशोधन और उनके उपवर्ग वक्फ संपत्तियों को तबाह करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘जेपीसी उन लोगों पर ध्यान दे रही है, जिनका इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। जेपीसी के सदस्य पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं और नियमों और मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं।’ इलियास ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि जेपीसी पूरी ईमानदारी से अपना काम नहीं कर रही है।’

समान नागरिक संहिता को बताया अस्वीकार्य

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने समान नागरिक संहिता को भी अस्वीकार्य बताया। इलियास ने कहा कि ‘यह धार्मिक स्वतंत्रता और सांस्कृतिक विविधता के खिलाफ है, जिसकी गारंटी संविधान देता है। यह मौलिक अधिकार है।’ मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि समान नागरिक संहिता मुस्लिमों के लिए अस्वीकार्य है और वे शरिया कानून से कभी समझौता नहीं करेंगे। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता ने ये भी कहा कि भाजपा सरकार साजिश के तहत हस्तक्षेप की कोशिश कर रही है और इसके गंभीर परिणाम होंगे। 

धार्मिक स्थानों पर जारी विवाद पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा कि पूजा स्थल कानून के मुताबिक आजादी के समय जो पूजा स्थल था, उसके स्वरूप को नहीं बदलने का प्रावधान है, लेकिन इसके बावजूद कई धार्मिक स्थलों को लेकर विवाद हो रहा है और अदालत ने सर्वे की मंजूरी दी है। बोर्ड ने संभल में हुई हिंसा पर भी नाराजगी जताई, जिसमें तीन युवकों की मौत हुई है।

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