नई दिल्ली

SC lays down factors for deciding alimony: अतुल सुभाष की आत्महत्या से छिड़ी बहस, तलाक के मामलों में पत्नी को कितना गुजारा भत्ता? सुप्रीम कोर्ट ने बताईं 8 शर्तें

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अतुल सुभाष की आत्महत्या पर छिड़ी बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के मामलों में गुजारा भत्ता राशि तय करते समय कई शर्तें और कारक निर्धारित किए हैं। शीर्ष अदालत ने सभी अदालतों को दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

New Delhi: पत्नी द्वारा उत्पीड़न के कारण बेंगलुरु आईटी इंजीनियर की आत्महत्या की गूंज पूरे देश में सुनाई पड़ी है। जौनपुर के रहने वाले अतुल सुभाष ने पत्नी और उसके परिजनों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली। इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया और अब बहस चल रही है कि क्या फैमिली कोर्ट वास्तव में तलाक और पत्नी को गुजारा भत्ता देने के मामले में सही न्याय कर रही है। इस बहस के बीच सुप्रीम कोर्ट ने तलाक के मामलों में गुजारा भत्ता राशि तय करते समय कई शर्तें और कारक निर्धारित किए हैं। शीर्ष अदालत ने सभी अदालतों को दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

गुजारा भत्ता के रूप में 5 करोड़ रुपये देने का आदेश
अदालत एक दंपति प्रवीण कुमार जैन और अंजू जैन के तलाक मामले की सुनवाई कर रही थी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस प्रसन्ना वी वराले की पीठ ने प्रवीण कुमार जैन को अपनी पत्नी को गुजारा भत्ता के रूप में 5 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया। अदालत ने गुजारा भत्ता तय करने का आठ सूत्री फॉर्मूला सुझाया। तलाक के बाद गुजारा भत्ता इन तथ्यों को ध्यान में रखकर तय किया जाएगा।

अदालत ने तय किए 8 कारक

  1. पति-पत्नी की सामाजिक व आर्थिक स्थिति
  2. भविष्य में पत्नी और बच्चों की बुनियादी जरूरतें
  3. दोनों पक्षों की योग्यता और रोजगार
  4. आय और संपत्ति के स्रोत
  5. ससुराल में रहते हुए पत्नी का जीवन स्तर
  6. क्या उसने परिवार की देखभाल के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी है?
  7. नौकरी न करने वाली पत्नी के लिए कानूनी लड़ाई के लिए उचित राशि
  8. पति की आर्थिक स्थिति, उसकी कमाई और भरण-पोषण भत्ते के साथ अन्य जिम्मेदारियां क्या होंगी?
  9. 20 साल अलग-अलग रहे
  10. पीठ ने प्रवीण कुमार जैन-अंजू जैन तलाक मामले में फैसला सुनाते हुए उनके वयस्क बेटे के भरण-पोषण और वित्तीय सुरक्षा के लिए 1 करोड़ रुपये का प्रावधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। शादी के बाद यह जोड़ा छह साल तक साथ रहा और अगले 20 साल अलग-अलग रहकर बिताए। तनावपूर्ण संबंधों ने उनकी शादी को प्रभावित किया। प्रवीण ने आरोप लगाया कि अंजू अतिसंवेदनशील थी और उसके परिवार के साथ उदासीनता से पेश आती थी।
  11. उधर, अंजू का आरोप था कि प्रवीण का व्यवहार उसके प्रति अच्छा नहीं था। इतने लंबे समय तक अलग-अलग रहने के कारण दंपति को अपने वैवाहिक दायित्वों को पूरा करने का कोई अवसर नहीं मिला। इसे देखते हुए कोर्ट का मानना था कि उनके मामले में शादी का मतलब, लगाव और रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका है। इसके बाद कोर्ट ने शर्तें बताते हुए तलाक को मंजूरी दे दी।
  12. अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद छिड़ी बहस
  13. प्रवीण कुमार जैन-अंजू जैन तलाक मामले में गुजारा भत्ता का आदेश और आठ कारकों का निर्धारण बेंगलुरु के आईटी इंजीनियर अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद छिड़ी बहस के बीच आया है। बेंगलुरु के 34 वर्षीय इंजीनियर सुभाष ने 9 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले अतुल ने 1.5 घंटे का वीडियो रिकॉर्ड किया और 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और ससुराल वालों के खिलाफ उत्पीड़न के आरोप लगाए। इसके अलावा अतुल ने मौजूदा सिस्टम और न्यायिक व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा किया।


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