Sanjay Malhotra: जानें, कौन हैं आरबीआई के नए गवर्नर!
आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा के पास वित्त, पावर, टैक्सेशन, आईटी व माइंस में तीन दशक का अनुभव, पीएम मोदी भी करते हैं उनके काम करने के तरीके की सराहना।
New Delhi: संजय मल्होत्रा आरबीआई (RBI) के नए गवर्नर होंगे। वह शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल 10 दिसंबर को खत्म हो रहा है। मल्होत्रा फिलहाल रेवेन्यू सेक्रेटरी हैं। उन्होंने बजट 2024 को तैयार करने में भी काफी अहम भूमिका निभाई थी। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंदीदा नौकरशाहों में गिने जाते हैं।
कौन है संजय मल्होत्रा?
संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के 1990 बैच के IAS अधिकारी हैं। वह मूलत: राजस्थान के ही रहने वाले हैं। उन्हें अक्टूबर 2022 में रेवेन्यू डिपार्टमेंट में नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह वित्तीय सेवा विभाग में सचिव थे। वह सरकारी कंपनी REC लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी भी रह चुके हैं।
मल्होत्रा ने आईआईटी कानपुर से पढ़ाई की है। उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। अपने तीन दशक के करियर में मल्होत्रा पावर, फाइनेंस, टैक्सेशन, आईटी और माइंस जैसे विभागों में सेवाएं दे चुके हैं।
सरकार की पसंद क्यों बने संजय मल्होत्रा?
मल्होत्रा के पास वित्त से जुड़े कामकाज को संभालने का लंबा तजुर्बा है। रिजर्व बैंक का कामकाज सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स देखते हैं। मल्होत्रा के पास इसका भी अनुभव है। वह काफी समय से रेवेन्यू सेक्रेटरी का पद संभाल रहे हैं। उनके काम करने के तरीके को पीएम नरेंद्र मोदी भी काफी पसंद करते हैं। यही वजह है कि मल्होत्रा अब आरबीआई गवर्नर के पद पर नियुक्त हुए हैं।
मल्होत्रा 11 दिसंबर (बुधवार) को आरबीआई गवर्नर का पद संभालेंगे। उनका कार्यकाल तीन साल का होगा। वह भारतीय रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में कार्य करेंगे। उनकी नियुक्ति काफी अहम है, क्योंकि भारत फिलहाल घटती जीडीपी ग्रोथ और बढ़ती महंगाई जैसे संकटों से जूझ रहा है।
अभी तक के 26 RBI गवर्नर में से 13 IAS
रिजर्व बैंक में अब तक कुल 26 गवर्नर हुए हैं। इनमें से 13 IAS अफसर हैं। उन्होंने वित्त सचिव के रूप में काम करने से पहले वित्त मंत्रालय के तहत वित्तीय सेवा विभाग में सचिव का पद संभाला। मल्होत्रा के पास राज्य और केंद्र सरकार, दोनों स्तरों पर फाइनेंस और टैक्सेशन में विशेषज्ञता हासिल है।संजय मल्होत्रा ऐसे समय में आरबीआई गवर्नर बनेंगे, जब केंद्रीय बैंक के सामने चुनौतियों की भरमार है। RBI पर ब्याज दरों में कटौती का दबाव है, क्यों जीडीपी ग्रोथ सितंबर तिमाही में सात-तिमाही के निचले स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई। डॉलर के मुकाबले रुपया भी लगातार कमजोर हो रहा है। खुदरा महंगाई ने भी नाक में दम कर रखा है।