उत्तर प्रदेश

Sambhal violence: संभल हिंसा में हुए नुकसान की वसूली करेगी उत्तर प्रदेश सरकार, लगाए जाएंगे उपद्रवियों के पोस्टर

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उत्तर प्रदेश सरकार संभल हिंसा में शामिल लोगों से सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई कराएगी। इस मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज करके 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है जिनमें सांसद बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है।

Sambhal, Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश सरकार संभल हिंसा में शामिल लोगों से सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई कराएगी। सार्वजनिक स्थानों पर पत्थरबाजों के पोस्टर लगाए जाएंगे। कोट गर्वी इलाके में शहर के शाही जामा मस्जिद के कोर्ट द्वारा आदेशित सर्वेक्षण को लेकर हुए टकराव में रविवार को संभल में चार लोगों की मौत हो गई और पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे। एक याचिका में दावा किया गया कि उस जगह पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था, इसके बाद कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे।

हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्ती
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, यूपी सरकार संभल हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त रुख अपनाने जा रही है। पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए जाएंगे और नुकसान की भरपाई की जाएगी। इनकी गिरफ्तारी में मदद करने वाली सूचना देने वाले को इनाम की भी घोषणा की जा सकती है। इसी तरह की पहल में यूपी सरकार ने 2020 में सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से जुड़े लोगों के पोस्टर लगाए थे। ये पोस्टर लखनऊ सहित कई जगहों पर प्रदर्शित किए गए थे, लेकिन बाद में अदालत के आदेश के बाद हटा दिए गए थे।

संभल की जामा मस्जिद का सर्वे करने गई टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया था। संभल में हिंसा रविवार को तब भड़की जब मस्जिद के पास बड़ी भीड़ जमा हो गई और सर्वेक्षण दल के अपना काम फिर से शुरू करने पर नारे लगाने लगी। स्थिति तब और बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प में वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया। इन्हें बचाने आई पुलिस पर भी हमला हुआ और भीड़ की तरफ से गोलीबारी भी हुई। इस हिंसा में कुल चार लोगों की मौत हुई थी। पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है।

सपा सांसद और विधायक के खिलाफ मामला दर्ज
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा के मामले में समाजवादी पार्टी के क्षेत्रीय सांसद जियाउर्रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में अब तक कुल सात मुकदमे दर्ज करके 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया था कि हिंसा में घायल हुए दारोगा दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है जिनमें बर्क और इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है। उन्होंने बताया कि मुकदमे में इनपर आरोप लगाया गया है कि इन लोगों ने भीड़ को भड़काकर बलवे का रूप दिया।

तुर्क और पठान बिरादरी में संघर्ष का एंगल
वहीं, संभल में हुई सांप्रदायिक हिंसा में अब तुर्क और पठान समुदायों के बीच कथित प्रतिद्वंद्विता के भी दावे किए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने हिंसा के लिए मुस्लिम समुदाय की इन दो बिरादरियों के बीच वर्चस्व की राजनीति को जिम्मेदार ठहराकर एक नयी बहस छेड़ दी। नितिन अग्रवाल ने एक्स पर ‘सपा प्रायोजित हिंसा’ हैशटैग से की गई पोस्ट में कहा, संभल की आगजनी और हिंसा वर्चस्व की राजनीति का नतीजा है। तुर्क-पठान विवाद ने न केवल शांति भंग की, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिये। यूपी पुलिस की तत्परता सराहनीय है।

अग्रवाल ने मंगलवार को संवाददाताओं से बातचीत में अपने दावे को दोहराते हुए कहा कि हिंसा पूर्व नियोजित थी और यह तुर्क समुदाय से आने वाले संभल के सांसद जिया-उर-रहमान बर्क और पठान बिरादरी का प्रतिनिधित्व करने वाले संभल सदर सीट से विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल के नेतृत्व वाले समूहों के बीच प्रतिद्वंद्विता के कारण पैदा हुई थी। संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया ने भी सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में दो गुटों के बीच प्रतिद्वंद्विता की तरफ इशारा किया था। उन्होंने कहा था कि भीड़ ने अपने ही लोगों पर पथराव किया और गोलियां चलाईं। इससे लगता है कि उनमें आपस में भी कुछ रहा होगा।

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