Sambhal News: संभल में तनाव बरकरार, बाहरी लोगों और संगठनों के प्रवेश पर रोक, चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात
संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किये जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई है। घटना में उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत 20 लोग जख्मी भी हुए हैं।
New Delhi: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस पर हमले और जवाबी कार्रवाई में तीन लोगों की मौत के बाद तनाव पसरा हुआ है। यहां चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात है और बाहरी लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। संभल के जिला मजिस्ट्रेट ने एक अधिसूचना जारी कर किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जन प्रतिनिधि को अधिकारियों के आदेश के बिना संभल में प्रवेश करने पर रोक लगा दी है।
तीन लोगों की मौत
मुरादाबाद मंडल के आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने संभल में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस मामले में उपद्रवियों के दो तीन समूह थे जो लगातार गोलीबारी कर रहे थे और पुलिस प्रशासन ने सर्वेक्षण करने आई टीम को सुरक्षित तरीके से बाहर निकाला। सिंह ने बताया कि इस हिंसा में 20 से 25 वर्ष के बीच की उम्र के तीन लोगों की मौत हुई है। मंडल आयुक्त ने कहा कि इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में कुल 20 लोग जख्मी हुए हैं। वारदात में पुलिस अधीक्षक के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) संजीव कुमार के पैर में गोली लगी है जबकि उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र के पैर की हड्डी टूट गई है। इसके अलावा संभल के पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार को भी छर्रे लगे हैं।
बड़ी संख्या में मौके पर पहुंचे लोगों ने की गोलीबारी और पथराव
जिलाधिकारी राजेंद्र पेसीया ने संवाददाताओं को बताया कि सर्वेक्षण के शुरुआती दो घंटे तक कोई भी पथराव नहीं हुआ था और बाद में मस्जिद से ऐलान किया गया कि सर्वेक्षण का काम पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि इसके बाद आसपास के कई किलोमीटर क्षेत्र में रहने वाले लोग बड़ी संख्या में मौके पर पहुंच गए और जबरदस्त पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने बताया कि भीड़ को उकसाने और हिंसा की साजिश रचने वाले किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। इसके पहले, एक अधिकारी ने बताया कि कुछ लोगों ने सड़क किनारे खड़ी मोटरसाइकिलों में आग लगाने की भी कोशिश की। अधिकारी ने बताया कि हिंसा के आरोपियों पर कठोर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा।