उत्तर प्रदेश

Sambhal Mosque Survey: संभल मस्जिद सर्वे रिपोर्ट पर कोई एक्शन नहीं लेगी निचली अदालत, सुप्रीम कोर्ट का निर्देश, जानिए क्या-क्या कहा

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया कि संभल में शांति बनी रहे। हाईकोर्ट की इजाजत के बिना कोई एक्शन नहीं होना चाहिए। क्या-क्या कहा अदालत ने पढ़ें।

Sambhal,UP: संभल शाही जामा मस्जिद सर्वे मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को निचले कोर्ट के आदेश को चुनौती देने की छूट दी है। मुस्लिम पक्ष के अगले लीगल एक्शन/चुनौती देने तक चंदौसी कोर्ट सर्वे रिपोर्ट पर कोई एक्शन नहीं लेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि इलाके में शांति और सद्भाव बना रहे। मामले में 6 जनवरी के बाद अगली सुनवाई होगी।

निचली अदालत फिलहाल कोई एक्शन नहीं लेगी सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिया कि संभल में शांति बनी रहे। हाईकोर्ट की इजाजत के बिना कोई एक्शन नहीं होना चाहिए। संभल मस्जिद सर्वे को लेकर अहम निर्देश देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत फिलहाल कोई एक्शन नहीं ले सकेगी। संभल मस्जिद सर्वे मामले की सुनवाई अब इलाहाबाद हाईकोर्ट करेगा। मुस्लिम पक्ष के याचिका फाइल करने के तीन दिन के अंदर हाइकोर्ट मामले की सुनवाई करेगा। कोर्ट कमिश्नर सर्वे रिपोर्ट को जमा कर सकते हैं। जब तक हाइकोर्ट में सुनवाई शुरू नहीं हो जाती है, तभी तक ही निचली अदालत में ट्रायल पर रोक रहेगी।

मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट को मुस्लिम पक्ष की याचिका दाखिल होने के तीन कार्य दिवसों के भीतर सुनवाई करने का आदेश दिया। इसने कहा, हमें उम्मीद और भरोसा है कि निचली अदालत इस मामले पर तब तक आगे नहीं बढ़ेगी जब तक कि उच्च न्यायालय इस पर सुनवाई नहीं करता और इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं करता। पीठ ने राज्य सरकार को संभल में शांति और सद्भाव बनाए रखने तथा दोनों समुदायों के सदस्यों को शामिल कर एक शांति समिति गठित करने का निर्देश दिया।

शीर्ष अदालत ने संभल की निचली अदालत से कहा कि वह उसके समक्ष दायर की जाने वाली किसी भी रिपोर्ट को तब तक न खोले जब तक कि उच्च न्यायालय मामले की सुनवाई न कर ले और मुस्लिम पक्ष की याचिका पर आदेश पारित न कर दे। पीठ ने मुस्लिम पक्ष को जिला अदालत के आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय जाने की सलाह दी। इसने मामले को लंबित रखा और इसे 6 जनवरी से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है। संभल की शाही जामा मस्जिद की प्रबंधन समिति ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और जिला अदालत के 19 नवंबर के आदेश को चुनौती दी। जिला अदालत ने मुगल काल की मस्जिद के सर्वेक्षण का निर्देश दिया था।

संभल हिंसा में 4 की मौत
बता दें कि 19 नवंबर से ही संभल में तनाव की स्थिति बनी हुई थी, जब अदालत के आदेश पर शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। दावा किया गया है कि इस जगह पर पहले हरिहर मंदिर था। 24 नवंबर को हिंसा भड़क उठी, जब प्रदर्शनकारी मस्जिद के पास एकत्र हुए और सुरक्षाकर्मियों से भिड़ गए। इस दौरान पत्थरबाजी और आगजनी हुई। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

इस बीच, स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन ने गुरुवार को जुमे की नमाज के संबंध में मुस्लिम मौलवियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद शाही जामा मस्जिद के इमाम आफताब हुसैन वारसी ने कहा, मुझे उम्मीद है कि सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा। शहर काजी मोहम्मद अलाउद्दीन अजमली ने संभल के लोगों से अपने-अपने इलाकों की मस्जिदों में नमाज अदा करने की अपील की। उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि संभल में जल्द ही शांति स्थापित हो। हमने पुलिस से अपील की है कि खिलाफ कोई गैरकानूनी गिरफ्तारी न की जाए।

शुक्रवार को अधिवक्ता आयुक्त की रिपोर्ट कोर्ट में पेश किए जाने की उम्मीद है, जहां दोनों पक्षों को जवाब देने का मौका मिलेगा। सुनवाई की तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर हिंदू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने कहा कि मुस्लिम पक्ष को कोर्ट में इस मामले पर जवाब देना है। उन्होंने कहा कि उनकी दलीलों के बाद ही हम अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।

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