S Jaishankar’s statement in Parliament: कूटनीतिक पहल से एलएसी पर हालात सुधरे, चीन के मुद्दे पर एस जयशंकर का संसद में बयान
विदेश मंत्री ने गलवान की घटना के बाद एलएसी पर जारी तनातनी का जिक्र करते हुए कहा कि पेट्रोलिंग बंद थी। कूटनीतिक पहल से एलएसी पर हालात सुधरे हैं। दोनों देश हालात सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
New Delhi: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज लोकसभा में चीन के साथ सीमा पर तनाव और हालिया समझौते को लेकर बयान दिया। जयशंकर ने 1962 के युद्ध का जिक्र करते हुए पाकिस्तान की ओर से कब्जाई गई भारतीय जमीन चीन को दिए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने गलवान की घटना के बाद एलएसी पर जारी तनातनी का जिक्र करते हुए कहा कि पेट्रोलिंग बंद थी। कूटनीतिक पहल से एलएसी पर हालात सुधरे हैं। दोनों देश हालात सुधारने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जयशंकर ने कहा कि एलएसी पर हालात सामान्य हैं। चीन से बातचीत जारी है लेकिन हमारी सेना मुस्तैद है। सहमति से ही मसलों का समाधान होगा। समझौतों का पालन पूरी तरह से होना चाहिए। कोई भी पक्ष स्थिति से छेड़छाड़ नहीं करेगा।
जयशंकर ने क्या-क्या कहा
भारत और चीन के संबंध 2020 से असामान्य थे, जब चीन की कार्रवाइयों की वजह से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बाधित हुई।
सतत कूटनीतिक साझेदारी को दर्शाने वाले हालिया घटनाक्रम ने भारत-चीन संबंधों को कुछ सुधार की दिशा में बढ़ाया है।
हम चीन के साथ इस दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सीमा मुद्दे पर समाधान के लिए निष्पक्ष और परस्पर स्वीकार्य रूपरेखा पर पहुंचें।
पूर्वी लद्दाख में अप्रैल-मई 2020 में चीन के सैनिकों के जमा होने से कई बिंदुओं पर टकराव की स्थिति बनी।
एस जयशंकर ने कहा कि हम सीमा समझौते के लिए एक निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य ढांचे पर पहुंचने के लिए चीन के साथ बातचीत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के अभाव में भारत-चीन संबंध सामान्य नहीं हो सकते हैं। हम बहुत स्पष्ट हैं कि शांति और स्थिरता की बहाली बाकी संबंधों को आगे बढ़ाने का आधार होगी। जयशंकर ने भारतीय सेना को श्रेय देते हुए कहा कि रसद चुनौतियों और कोविड महामारी के बावजूद उन्होंने चीनी सैनिकों का तेजी से मुकाबला किया।