RSS Will Support BJP: 2025 में महाराष्ट्र बनेगा भगवा किला, देवेंद्र फडणवीस को सबसे बड़े मिशन के लिए मिला RSS का समर्थन
महाराष्ट्र में बीजेपी और देवेंद्र फडणवीस को आरएसएस का साथ, पहली बार निकाय चुनाव में संघ के 35 संगठन ग्राउंड पर, भगवा किला बनाने के लिए बड़ी प्लानिंग तैयार।
Mumbai: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद सीएम फडणवीस दूसरे पॉलिटिकल मिशन निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। अगर इस मिशन में फडणवीस कामयाब हो गए तो महाराष्ट्र बीजेपी का अभेद्य किला बन जाएगा। उन्हें इस मिशन के लिए आरएसएस का ‘आशीर्वाद’ भी मिल गया है। महाराष्ट्र के 29 नगर निगमों में चुनाव के दौरान आरएसएस के 35 अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता जीत के लिए अपनी ताकत झोकेंगे। पिछले दिनों भायंदर में आरएसएस और बीजेपी के बड़े नेताओं की मीटिंग हुई। इस मीटिंग में सीएम देवेंद्र फडणवीस और प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले भी शामिल हुए, जिसमें अगले साल होने वाले निकाय चुनाव की कमान आरएसएस के हाथों में सौंप दी गई।
नगर निगमों में बीजेपी को पावरफुल बनाना चाहता संघ
मार्च-अप्रैल में संभावित महाराष्ट्र निकाय चुनाव में देवेंद्र फडणवीस की पहली परीक्षा होगी। बीजेपी के नेताओं ने संकेत दिए हैं कि इस चुनाव में पार्टी गठबंधन नहीं करेगी बल्कि अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। महायुति और महाविकास अघाड़ी के राजनीतिक दल भी अलग-अलग ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसा पहली बार होगा, जब निकाय चुनाव में 6 बड़ी पार्टियां अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। बीजेपी के लिए यह जमीन पर अपना विस्तार करने मौका है। अगर पार्टी राज्य के सभी हिस्सों में कामयाब होती है तो महाराष्ट्र में बीजेपी पावरफुल हो जाएगी। इस टेस्ट से पहले देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर संघ की शरण में पहुंच गए और उन्हें आशीर्वाद भी मिल गया। भायंदर की मीटिंग में यह तय हुआ कि अब आरएसएस ही बीजेपी के साथ सभी संगठनों के कोर्डिनेशन करेगा। विधानसभा चुनाव में आरएसएस के समर्थन के कारण ही बीजेपी को 288 सदस्यों वाली विधानसभा में 132 सीटें मिली थीं।
आरएसएस के इशारे पर ही बीजेपी अकेले लड़ेगी चुनाव
महाराष्ट्र में बीएमसी समेत 27 नगर निगम का कार्यकाल पूरा हो चुका है। राजनीतिक दल पिछले दो साल से निकाय चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा दो नए नगर निगम इचलकरंजी और जालना में भी चुनाव होंगे। अभी इन निगमों पर प्रशासकों का नियंत्रण है। ओबीसी कोटे में विवाद के कारण चुनाव का मामला सुप्रीम कोर्ट में लटका पड़ा है। अब संभावना जताई जा रही है कि यह मुद्दा जल्द सुलझ जाएगा और मार्च-अप्रैल में चुनाव होंगे। सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। संभावना है कि बीजेपी इन निकाय चुनावों में एकनाथ शिंदे की शिवसेना, एनसीपी से अलग लड़कर अपनी ताकत आजमाएगी। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और सीएम देवेंद्र फडणवीस पहले ही बता चुके हैं कि गठबंधन का फैसला जिला स्तर पर तय होगा। प्रदेश नेतृत्व कार्यकर्ताओं पर गठबंधन नहीं थोपेगा। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी यह फैसला आरएसएस के आदेश के बाद ही किया है।
निकाय चुनावों में 6 बड़ी पार्टियों के बीच हो सकता है मुकाबला
बीजेपी की ओर से संकेत मिलने के बाद एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी भी चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे अपने विधायकों, सांसदों और नगरसेवकों के साथ ताबड़तोड़ मीटिंग कर रहे हैं। शिवसेना ने ठाणे और नवी मुंबई जीतने पर फोकस किया है। अजित पवार की नजर पश्चिमी महाराष्ट्र पर है। दूसरी ओर, महाविकास अघाड़ी की उद्धव सेना भी अकेले चुनाव लड़ने का मन बना चुकी है। शिवसेना (यूबीटी) की तीन दिन की मीटिंग के बाद संजय राउत ने साफ किया कि पार्टी बीएमसी चुनाव अकेले लड़ना चाहती है। विधानसभा में 16 सीटें जीतने वाली कांग्रेस पर भी ‘एकला चलो रे’ का दबाव बनने लगा है। अगर एमवीए की दोनों पार्टियां अकेले चुनाव लड़ेंगी तो शरद पवार के पास भी कोई विकल्प नहीं बचेगा।
पिछली बार गठबंधन के कारण शिवसेना को दिया समर्थन
2015 से 2018 के बीच महाराष्ट्र के निकाय चुनाव में अविभाजित शिवसेना ने मुंबई, ठाणे, औरंगाबाद, नासिक और अमरावती समेत 14 नगर निगमों पर कब्जा किया था। बीजेपी ने शिवसेना के साथ मिलकर कुल 6 नागपुर, पुणे, सोलापुर, मीरा-भायंदर, धुले, चंद्रपुर पर कब्जा किया था। सात नगर निगमों में एनसीपी-कांग्रेस का बोलबाला रहा। बृहन्मुंबई महानगरपालिका यानी बीएमसी चुनाव में बीजेपी ने अकेले चुनाव लड़कर 82 वॉर्डों में जीत हासिल की थी। शिवसेना को बीजेपी से सिर्फ दो ज्यादा 84 वॉर्डों में विजयश्री मिली थी। प्रदेश सरकार में पार्टनर होने के कारण बीजेपी को मेयर के लिए शिवसेना को समर्थन देना पड़ा। अब बीजेपी किसी भी सहयोगी दल के साथ यह उदारता दिखाने के पक्ष में नहीं है। मुंबई बीजेपी अध्यक्ष और मंत्री आशीष शेलार ने भी एक बयान में कहा कि पार्टी ने 227 वार्डों में से 151 में जीत का लक्ष्य रखा है।
निकाय चुनाव में ही तय होगा गठबंधन के पार्टियों का दम
भायंदर की मीटिंग के बाद बीजेपी के नेता ने कहा कि बीजेपी को आरएसएस का साथ मिलने के कारण विधानसभा चुनाव में बड़ी सफलता मिली, मगर इससे संतुष्ट नहीं हो सकते हैं। बीजेपी को अभी आरएसएस के अनुषांगिक संगठनों की जरूरत है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में भी बीजेपी,आरएसएस और उसके सभी अनुषांगिक संगठनों के साथ मिलकर काम करेंगे। सूत्रों के अनुसार, आरएसएस चाहता है कि बीजेपी ग्राउंड लेवल पर मजबूत बने और गठबंधन की मजबूरियों से दूर हो जाए। निकाय में चुनाव में रिजल्ट के बाद समर्थन लेने या देने पर चर्चा की जा सकती है। महायुति के जो दल विधानसभा चुनाव के बाद जीत का श्रेय लेने को आतुर थे, उन्हें भी निकाय चुनाव में पता चल जाएगा कि वह कितने पानी में हैं।