Parliament Winter Session: बाबासाहेब आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही बाधित

लोकसभा में बुधवार को कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बाबासाहेब आंबेडकर पर की गई टिप्पणी पर हंगामा किया। विपक्ष ने ‘जय भीम’ के नारे लगाए और शाह के बयान को अपमानजनक बताया। संसदीय कार्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस पर बाबासाहेब का अपमान करने का आरोप लगाया।
New Delhi: कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने गृह मंत्री अमित शाह की ओर से बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर के संदर्भ में की गई एक टिप्पणी को लेकर बुधवार को लोकसभा को हंगामा किया। इसके कारण सदन की कार्यवाही आरंभ होने के दो मिनट के भीतर ही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे। उन्होंने ‘जय भीम’ के नारे लगाए।
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया और उन्हें चुनाव में भी हराया। उन्होंने कहा, ‘इन लोगों ने हमेशा बाबासाहेब का अपमान किया। हमने हमेशा उनका सम्मान किया।’ मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाबासाहेब से संबंधित कार्यों के कारण ये लोग बाबासाहेब का नाम मजबूरी में ले रहे हैं।सदन में हंगामा जारी रहने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुबह 11 बजकर दो मिनट पर ही बैठक दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेस और विपक्षी दलों का आरोप है कि शाह ने मंगलवार को राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान बाबासाहेब का अपमान किया।मुख्य विपक्षी दल ने शाह के संबोधन का एक वीडियो अंश जारी किया जिसमें गृह मंत्री विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए यह कहते सुने जा सकते हैं कि , ‘अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर…। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।’
संदन में चर्चा की मांग करने लगे विपक्षी सदस्य
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा संविधान निर्माता बाबा साहेब अंबेडकर को लेकर दिए बयान पर आपत्ति जताते हुए सदन में चर्चा की मांग की। उन्होंने इस संबंध में लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।उन्होंने अपने नोटिस में कहा, ‘मैं सदन का ध्यान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 17 दिसंबर, 2024 को सदन में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के संबंध में की गई अपमानजनक टिप्पणियों की ओर आकर्षित करना चाहता हूं।
ये टिप्पणियां न केवल डॉ. अंबेडकर की विरासत का अपमान करती हैं, बल्कि उन करोड़ों लोगों की भावनाओं को भी आहत करती हैं, जो उन्हें आधुनिक भारत के संस्थापक और सामाजिक न्याय और समानता के प्रतीक के रूप में सम्मान देते हैं।’