मुंबई

Nitin Gadkari: ‘अगर कांग्रेस ग्रामीण क्षेत्रों को गंभीरता से लेती…’, ग्रामीण भारत की गरीबी पर नितिन गडकरी ने बोला बड़ा हमला

Spread the love

नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस ने कभी भी ग्रामीण भारत के विकास के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा। अगर ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी जाती तो किसान आत्महत्या नहीं करते, गांवों में गरीबी नहीं होती। भारत के 75 साल के इतिहास में कांग्रेस ने कभी भी देश के ग्रामीण इलाकों के विकास को प्राथमिकता नहीं दी।

Mumbai/Wardhaमहाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। नितिन गडकरी ने शनिवार को कहा कि अगर कांग्रेस ने ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी होती तो किसान आत्महत्या नहीं कर रहे होते और गांवों में गरीबी कम होती। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर वर्धा जिले के अरवी में गडकरी एक चुनावी जनसभा को संबोधित कर रहे थे। गडकरी ने कहा कि बीजेपी न तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पार्टी है और न ही उनकी, बल्कि यह उन कार्यकर्ताओं की पार्टी है जिन्होंने अपना जीवन इसके लिए समर्पित कर दिया है। उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं के योगदान की भी सराहना की।

कांग्रेस ने ग्रामीण इलाकों के विकास को प्राथमिकता नहीं दी

नागपुर से बीजेपी के लोकसभा सदस्य नितिन गडकरी ने पार्टी कार्यकर्ता के रूप में अपने दिनों को याद किया जब वह महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के पड़ोसी वर्धा जिले में दो अन्य लोगों के साथ एक ही स्कूटर पर यात्रा करते थे। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में 62 सीट विदर्भ क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। गडकरी ने आरोप लगाया कि भारत के 75 साल के इतिहास में कांग्रेस ने कभी भी देश के ग्रामीण इलाकों के विकास को प्राथमिकता नहीं दी। गांवों में न सड़कें थीं, न पीने का पानी था।

आरक्षण पर क्या बोले गडकरी

गडकरी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी भी ग्रामीण भारत के विकास के बारे में गंभीरता से नहीं सोचा। अगर ग्रामीण भारत को प्राथमिकता दी जाती तो किसान आत्महत्या नहीं करते, गांवों में गरीबी नहीं होती। गडकरी ने कहा कि वह किसी भी तरह के आरक्षण का विरोध नहीं करते लेकिन राजनीति के लिए कभी भी धर्म और जाति का इस्तेमाल नहीं करेंगे। वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा कि जो लोग सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े हैं, उन्हें आर्थिक और शैक्षणिक रूप से सक्षम बनने के लिए आरक्षण मिलना चाहिए, लेकिन जातियों की ढाल को आगे रखकर नहीं। उन्होंने कहा कि हमें अपने काम की वजह से विकास करना है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button