NCP में विभाजन के पीछे जो लोग हैं, उन्हें हराया जाना चाहिए- शरद पवार की महाराष्ट्र में अपील, धनंजय मुंडे को याद दिलाई पुरानी बात
शरद पवार ने एनसीपी तोड़ने वालों को हराने की अपील करते हुए जनता से अपनी पार्टी के लिए वोट मांगा है। शरद पवार इस दौरान धनंजय मुंडे को भी घेरते नजर आए।
Maharashtra: महाराष्ट्र चुनाव के दौरान अजित पवार के सामने जो सबसे बड़ी चुनौती है, उसका नाम है शरद पवार। जिस शख्स की बनाई पार्टी को अजित पवार तोड़कर, अपना कर चुके हैं, वो नई पार्टी और नए चिन्ह के साथ मैदान में है और उन लोगों को हराने की अपील कर रहा है, जिसने उनकी पार्टी को तोड़ा था। शरद पवार ने एक सभा के दौरान लोगों से अपील की कि जिन लोगों ने एनसीपी को तोड़ा, उन्हें हराया जाना चाहिए।
धनंजय मुंडे को याद दिलाई पुरानी बात
राकांपा (एसपी) के प्रमुख शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के सहयोगी एवं महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे पर शनिवार को निशाना साधा और कहा कि राकांपा में विभाजन के पीछे जो लोग हैं, उन्हें हराया जाना चाहिए। पवार ने बीड जिले के परली में आरोप लगाया कि लोगों को ‘‘धमकाया’’ जा रहा है और इसे रोकना होगा। राकांपा (एसपी) प्रमुख ने अपने सहयोगी राजेश साहेब देशमुख के लिए एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मैं जो कुछ भी दे सकता था, मैंने धनंजय मुंडे को दिया। कुछ लोगों ने हमारी पार्टी को तोड़ने में अहम भूमिका निभाई। उन्हें हराना होगा। एक बार पंडित मुंडे अपने बेटे धनंजय के साथ मेरे पास आए और मदद मांगी। जब वह मुसीबत में थे तो उन्हें मेरी तरफ से मदद मिली। मैंने उन्हें (धनंजय मुंडे) एमएलसी (विधान पार्षद), परिषद में एलओपी (नेता प्रतिपक्ष), राज्य मंत्री बनाया। मैं उन्हें बीड में प्रमुख पद देना चाहता था। लेकिन यहां लोगों को परेशान किया जा रहा है और इसे रोकना होगा।’’
महायुति सरकार पर पवार का निशाना
इससे पूर्व पवार ने महाराष्ट्र की भाजपा नीत महायुति पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस गठबंधन को कृषि की समझ नहीं है और जिसे शिक्षित बेरोजगारों की कोई चिंता नहीं है, उसे सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने लातूर जिले के उदगीर में विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाडी (एमवीए) के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि राज्य में किसानों की उपेक्षा की जा रही है जबकि प्रमुख परियोजनाओं को गुजरात की ओर ले जाया जा रहा है। पवार ने कहा कि महाराष्ट्र कभी सोयाबीन और कपास उत्पादन में अग्रणी था लेकिन भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा सोयाबीन उत्पादों का आयात शुरू करने के बाद स्थानीय किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि इस नीति ने किसानों की कमर तोड़ दी है।