महाराष्ट्र

Mission Maharashtra: आज से मिशन महाराष्ट्र पर राहुल गांधी, 2024 के विनिंग फॉर्मूले से विदर्भ से मुबंई तक को देंगे सियासी धार

Spread the love

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं. राहुल गांधी नागपुर में ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ और मुंबई में ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान सभा’ से अभियान की शुरुआत करेंगे. तेलंगाना में जातिगत जनगणना का दांव चलकर उन्होंने महाराष्ट्र में सामाजिक न्याय को चुनावी मुद्दा बनाने का संदेश दिया है, जिससे महा विकास अघाड़ी को मजबूती मिलेगी.

Maharashtra: दिवाली का त्योहार बीतने के साथ ही महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की सियासी तपिश बढ़ गई है. उद्धव ठाकरे और शरद पवार के चुनावी अभियान शुरू करने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार से मिशन-महाराष्ट्र के लिए उतर रहे हैं. महाराष्ट्र में चुनावी बिगुल फूंकने से एक दिन पहले राहुल ने कांग्रेस शासित राज्य तेलंगाना में जातिगत जनगणना का दांव चलकर महाराष्ट्र को बड़ा संदेश दे दिया है. ऐसे में राहुल गांधी नागपुर में ‘संविधान सम्मान सम्मेलन’ व मुंबई में महाविकास आघाडी (एमवीए) के ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान सभा’ संबोधित कर महाराष्ट्र चुनाव का शंखनाद करेंगे. इस तरह विदर्भ से लेकर मुंबई तक 2024 के विनिंग फॉर्मूल से सामाजिक न्याय के मुद्दे को धार देने की स्टैटेजी बनाई है.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अभियान का शंखनाद के लिए राहुल गांधी ने नागपुर को चुना है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी बुधवार को दोपहर एक बजे नागपुर में संविधान सम्मेलन में शिरकत करेंगे. 2024 के लोकसभा चुनाव में भी राहुल गांधी ने नागपुर से कांग्रेस के प्रचार अभियान का आगाज किया था. नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन के बाद राहुल गांधी मुंबई में होने वाले महा विकास अघाड़ी महाराष्ट्र स्वाभिमान सभा में शामिल होंगे. इस तरह एनसीपी (एस) के शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे एक साथ मंच शेयर कर एकजुटता संदेश देंगे और साथ ही महा विकास अघाड़ी के चुनावी ‘गारंटी’ का भी ऐलान करेंगे.

राहुल ने बनाई सियासी एजेंडे को सेट करने की रणनीति

राहुल गांधी नागपुर के जरिए महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन के सियासी एजेंडे को सेट करने की रणनीति बनाई है. लोकसभा चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी पर संविधान बदलने तथा आरक्षण खत्म करने की तैयारी का नैरेटिव सेट किया था. इसका सियासी लाभ इंडिया गठबंधन को मिला था. जिसका खामियाजा एनडीए को महाराष्ट्र में भुगतना भी पड़ा था. कांग्रेस अब फिर से उसे धार देने की स्ट्रैटेजी से उतर रही है. इसीलिए राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के चुनावी रण में उतरने से पहले ही तेलंगाना में जातिगत जनगणना कराने का दांव चल कर बड़ा सियासी संदेश दिया है.

राहुल गांधी ने मंगलवार को तेलंगाना में जाति आधारित जनगणना कराने का ऐलान किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जातीय आधारित जनगणना भेदभाव की सीमा और प्रकृति का आकलन करने के लिए शुरू की जाने वाली प्रक्रिया है. तेलंगाना में होने वाले जातिगत जनगणना देश के सामने एक मॉडल पेश करेगा. तेलंगाना में बुधवार से शुरू हो रही जातिगत जनगणना में नागरिकों की सामाजिक शैक्षिक और आर्थिक स्थिति का डाटा जुटाया जाएगा. इस दौरान राहुल गांधी ने देश में आरक्षण की 50 फीसदी लिमिट को खत्म करने का मुद्दा उठाया और साथ ही पीएम मोदी को घेरा. राहुल ने कहा कि तमाम क्षेत्रों में दलित और ओबीसी के भागीदार का मुद्दा भी उठाया.

जातिगत जनगणना बदल सकती है महाराष्ट्र की सियासत का माहौल

तेलंगाना में कांग्रेस ने जातिगत जनगणना का दांव चलकर महाराष्ट्र को सियासी संदेश देने की कवायद की है. महाराष्ट्र का मराठवाड़ा इलाका एक समय हैदाराबाद के निजाम के अधीन हुआ करता था. इस तरह तेलंगाना से महाराष्ट्र की सीमाएं लगी हुई हैं और सियासी प्रभाव भी एक दूसरे पर पड़ता रहता है. यही वजह है कि राहुल ने महाराष्ट्र के चुनावी शंखनाद से पहले तेलंगाना में जातिगत जनगणना ऐलान कर सियासी संदेश देने का दांव चला है. राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में संविधान और आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र की सियासी गेम ही पलट दिया था.

महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से इंडिया गठबंधन 30 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 13 सीटें जीती थी. बीजेपी 22 से घटकर 8 पर पहुंच गई है. कांग्रेस ने अपनी जीत के इस मंत्र को महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर आजमाने की स्ट्रैटेजी बनाई है. नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन में शिरकत राहुल गांधी दलित और ओबीसी जातियों को साधने के लिए महाराष्ट्र में जातिगत जनगणना कराने के मुद्दे को उठा सकते हैं. इसके अलावा आरक्षण की 50 फीसदी लिमिट को भी खत्म करने की मांग को भी दोहरा सकते हैं.

सियासत में आरक्षण भी है अहम मुद्दा

महाराष्ट्र में आरक्षण का मुद्दा पहले ही से ही आक्रमक है. मराठा समुदाय आरक्षण को लेकर लगातार आंदोलन कर रहा है तो ओबीसी से लेकर धनगर और आदिवासी के आरक्षण का मुद्दा है. कुनबी जाति और ओबीसी समुदाय मराठा आरक्षण को देने के समर्थन में नहीं है. जातीय व आरक्षण पर बिछी सियासी बिसात के बीच राहुल गांधी का सामाजिक न्याय के मुद्दे पर धार देने के पीछे 2024 के चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. इतना ही नहीं राहुल गांधी ने जिस तरह महाराष्ट्र चुनाव के लिए नागपुर को चुनाव है, उसके पीछे भी सियासत है. नागपुर में संघ का एक तरफ मुख्यालय है तो दूसरी तरफ भीमराव अंबेडकर के सामाजिक न्याय का केंद्र रहा है.

राहुल गांधी ने सामाजिक न्याय के मुद्दे को धार देने के लिए नागपुर को चुना है, क्योंकि भीमराव अंबेडकर ने सामाजिक न्याय की आवाज को उठाया था. महाराष्ट्र में सबसे पहले आरक्षण की अलग छत्रपति शाहूजी महाराज ने जगाई थी. राहुल गांधी ने 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान कहा था कि नागपुर में दो विचारधाराएं हैं एक विचारधारा प्रगतिशील है,जो बाबा साहब अम्बेडकर की है. दूसरी तरफ आरएसएस है, जो देश को बर्बाद कर रहा है. इस तरह से हमें अंबेडकर की विचारधारा पर चलना होगा. यहीं दीक्षाभूमि पर अंबेडकर ने अपने लाखों अनुयायियों के साथ 1956 में दशहरा के दिन बौद्ध धर्म अपनाया था. ऐसे में राहुल ने सोची-समझी रणनीति के तहत एक बार फिर से नागपुर से चुनाव बिगुल फूंकेंगे.

जातिगत समीकरण साधने की है कवायद

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे नागपुर में संविधान सम्मान सम्मेलन के बाद मुंबई में होने वाले महा विकास अघाड़ी के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. नागपुर रैली से विदर्भ के सियासी समीकरण को साधने की स्टैटेजी है, जहां दलित और ओबीसी वोटर बड़ी संख्या में है. कांग्रेस को महाराष्ट्र में विदर्भ बेल्ट और मराठावाड़ा इलाके से ही ज्यादा सीटें 2024 के लोकसभा चुनाव में मिली थी. इसीलिए कांग्रेस विधानसभा चुनाव में भी इन्हीं क्षेत्रों पर फोकस कर रही है और जातिगत समीकरण साधने की कवायद में है. नागपुर जिला विदर्भ में आता है, जो कांग्रेस के लिए काफी मुफीद माना जाता है.

नागपुर के बाद राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे मुंबई में महा विकास अघाड़ी महाराष्ट्र स्वाभिमान सभा के कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. एनसीपी (एस) के शरद पवार और शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ राहुल गांधी और खरगे मंच शेयर कर एकजुटता संदेश देंगे. इस दौरान महा विकास अघाड़ी के गारंटी का भी ऐलान करेंगे. इंडिया गठबंधन में शामिल तीनों ही पार्टियां इस बार पूरे दमखम के साछ चुनाव लड़ रीह हैं. ऐसे में मुंबई में होने वाली गारंटी को महाराष्ट्र के हर घर तक पहुंचाने की रणनीति महा विकास अघाड़ी ने बनाई है. कांग्रेस और शिवसेन लगातार महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-भाजपा-अजित पवार के गठबंधन सरकार पर महाराष्ट्र का गौरव गुजरात के पास गिरवी रखने का मुद्दा बना रही है. इस तरह मराठा अस्मिता को जगाकर बीजेपी को मात देने की स्टैटेजी बनाई है. राहुल गांधी का मुंबई कार्यक्रम में शामिल होना अहम माना जा रहा है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button