Maharashtra Elections 2024: हरियाणा में BJP को जीत दिलाने के बाद महाराष्ट्र में RSS ने बनाया बड़ा प्लान, ओबीसी, एससी, एसटी समाज के बीच शुरू किया काम
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाले गठबंधन के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए व्यापक जनसंपर्क कार्यक्रम शुरू कर दिया है।
Maharashtra: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को फतह दिलाने के बाद संघ अब महाराष्ट्र में एनडीए को सत्ता में लाने के लिए एक भव्य अभियान शुरू करने जा रहा है। आरएसएस (RSS) ने राज्य में इस काम की जिम्मेदारी सह सरकार्यवाह अतुल लिमए को दिया है। संघ ने महाराष्ट्र के लिए कार्ययोजना बनाते हुए जमीन पर काम करना शुरू भी कर दिया है। लोकसभा चुनाव में उम्मीद से कम मिली सफलता के बाद बीजेपी , पूरी तरह एक बार फिर संघ की शरण मे आ गई है। जिसका नतीजा यह रहा कि हरियाणा में संघ ने बीजेपी को पूरा समर्थन दिया। नतीजतन हरियाणा में बीजेपी ने सरकार बना ली है। अब एक बार फिर महाराष्ट्र में संघ की सक्रियता बढ़ गई है। संघ राज्य में सूक्ष्म स्तर पर संगठन को साधने में लगी हुई है। सूत्रों के मुताबिक महाराष्ट्र में आरएसएस ने 60 हजार से ज्यादा छोटे- छोटे बैठक करने का फैसला लिया है। ये बैठक सभी विधानसभा क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा। इस छोटी छोटी बैठकों में अलग अलग वर्ग और समाज के लोगों को बुलाकर बौद्धिक के माध्यम से महाराष्ट्र में महायुति की सरकार की जरूरत क्यों है इस विषय पर बताया और समझाया जाएगा।
महाराष्ट्र में आरएसएस ने ,ओबीसी, एससी, एसटी समाज के बीच माइक्रो मैनेजमेंट के तहत काम शुरू कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरएसएस ओबीसी की 353 उपजातियों, एससी की 59 उपजातियों, एसटी की 25 उपजातियों और 29 घुमंतू जातियों के बीच अलग अलग कार्यक्रम चला रही है संघ शिवसेना प्रमुख रहे स्वर्गीय बाला साहेब ठाकरे की रणनीति को अमल में ला रही है। बाला साहेब ठाकरे ने राज्य में धरतीपुत्र आंदोलन चलाया था। अब संघ उसमें शामिल मुंबई और कोंकण बेल्ट की सभी पांचों जातियों को बीजेपी और शिंदे सेना से जोड़ने का भी प्रयास तेजी से कर रहा है । ठाकरे परिवार से नज़दीक रहे इन जातियों को समझाया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की कार्यपद्धति बाला साहेब की कार्यपद्धति से विरुद्ध है।
बीजेपी चला रही बड़ा आउटरीच कार्यक्रम
मुंबई और ठाणे बेल्ट के प्रभु पठारे,आगरी, कोली, सीकेपी, दैवज्ञ ब्राह्मण जातियों के बीच कार्यक्रम चला रही है। इतना ही नहीं संघ से मिले दिशानिर्देश के बाद बीजेपी ने भी दलित समुदाय के बीच आउटरीच तेज कर दिया है । बीजेपी और आरएसएस की नजर दलित समुदाय के बौद्ध बने बड़े दलित वोटर पर है । इसीलिए इस वर्ग के बीच बीजेपी बड़ा आउटरीच कार्यक्रम चला रही है। केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने अब तक करीब 200 सभाएं बौद्धों के बीच की हैं। किरण रिजिजू को मोदी कैबिनेट के बौद्ध चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाता रहा है। रिजिजू दलित समुदाय से बौद्ध बने लोगों के बीच जाकर केंद्र सरकार द्वारा दलितों के उत्थान, और देश के बौद्धों के लिए किए गए कामों की पूरी फेहरिस्त को बताते हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अपने तमाम कार्यक्रमों के अलावा आरएसएस ने बीजेपी को कुछ बिंदुओं पर कार्य करने की नसीहत दी गई है। जैसे नाराज चल रहे कार्यकर्ता को मनाना। कई सालों से पार्टी में तबज्जो नहीं मिलने से नाराज़ नेताओं को साधा जा रहा है। मुंबई और विदर्भ इलाके में पार्टी के अंदर अंतर्कलह एक बड़ी समस्या है। इससे लेकर संघ के निर्देश के बाद इस इलाके में चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव लगातार कार्यकर्ताओं के साथ बैठ कर , चुनाव के दौरान होने वाले भीतरघात को ख़त्म कर रहे हैं ।
RSS ने बीजेपी को दी हिदायत
इसके साथ ही संघ ने माइक्रो मैनेजमेंट भी शुरू कर दिया है। साथ ही पार्टी को हिदायत दी है कि डोर टू डोर सम्पर्क के तहत कार्य किया जाए। संघ ने यह भी कहा है कि हिंदुत्व के मुद्दे से दूर न जाए, जाति समीकरण को जोड़ते हुए हिंदुत्व के मूल मुद्दे को बनाए रखें। खास निर्देश दिया गया है कि टिकट किसे भी दें लेकिन मूल कार्यकर्ताओं की अनदेखी ना किया जाए। विपक्ष जो नेरेटिव सेट करता है विपक्ष के नैरेटिव को हावी न होने दिया जाए ताकि जनता में भ्रम पैदा ना हो। बूथ को मजबूत किया जाए। मतदान का प्रतिशत 60% से ऊपर ले जाया जाए ताकि बीजेपी उमीदवारो की जीत की सम्भवना ज्यादा बने।