महाराष्ट्र राजनीति

Maharashtra Elections: छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड, परभणी, बीड, जालना, धाराशिव, लातूर और हिंगोली, पढ़ें मराठवाडा की ग्राउंड रिपोर्ट

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मराठवाडा में इस बार का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है। मराठा आरक्षण, लाडली बहन योजना और स्थानीय मुद्दे चुनाव का रुख तय करेंगे। सभी पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं और प्रचार अभियान तेज़ कर दिया है। महिला मतदाताओं और मराठा समाज की भूमिका अहम होगी।

Hingoli, Maharashtra: इस बार विधानसभा चुना में मराठवाडा की 46 सीटें लड़ाई के केंद्र में हैं। यहां मराठा आरक्षण, गुटबाजी और जातिगत समीकरणों का खासा असर है। आघाडी और महायुति के नेताओं की तरफ से जोरदार प्रचार किया जा रहा है। एक-दूसरे पर खूब आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं। इसका जनता पर कितना असर पड़ रहा है, इसका अंदाजा लगाना फिलहाल मुश्किल है। स्थानीय लोगों के मुताबिक, आघाडी और महायुति में शामिल सभी पार्टियां पिछले 5 साल बारी-बारी से सत्ता में रही हैं। ऐसे में, उन्हें यह जवाब देना होगा कि मराठा आंदोलन के लिए ईमानदार प्रयास क्यों नहीं किए गए? सोशल मीडिया के ज़माने में हर नेता और पार्टी की बातें कुछ समय में वायरल हो जाती हैं, इसलिए वादे करने के बाद उनसे मुकरना अब आसान नहीं रह गया है।

मराठा आरक्षण को लेकर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। इससे समाज में असंतोष है। वहीं, महायुति अंतिम क्षणों में लाडली बहन योजना का पासा फेंक कर राज्य की आधी आबादी को साधने की कोशिश में है। मराठवाडा में महिलाएं और मराठा समाज ही 8 जिलों की 46 सीटों का भविष्य तय करेंगे।

लातूर, नांदेड, बीड, धराशिव में मुकाबला

मराठवाडा में छत्रपति संभाजीनगर, नांदेड, परभणी, बीड, जालना, धाराशिव, लातूर और हिंगोली जिले आते हैं। लातूर जिले में द्विपक्षीय मुकाबला है। लातूर शहर, ग्रामीण, उदगीर, अहमदपुर, निलंगा और औसा विधानसभा सीटों पर सब की नजर है। लातूर शहर में पूर्व मंत्री अमित देशमुख का मुकाबला डॉ. अर्चना पाटील चाकूरकर से, ग्रामीण में धीरज देशमुख का मुकाबला रमेश कराड से, उदगीर में खेल मंत्री संजय बनसोडे का मुकाबला सुधाकर भालेराव से, निलंगा में पूर्व मंत्री संभाजी पाटील निलंगेकर का मुकाबला अभय सालुंके से, औसा में अभिमन्यु पवार का मुकाबला दिनकर माने और अहमदनगर में बाबासाहेब पाटील का मुकाबला विनायक पाटील से हो रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में इस जिले में एनसीपी (अविभाजित), कांग्रेस और बीजेपी सभी दलों को दो-दो सीटों पर जीत मिली थी।

महायुति को लाडली बहन पर भरोसा

मराठवाडा में किसान आत्महत्या, पानी, रोजगार, शिक्षा सहित हर जिले में कई स्थानीय मुद्दे हैं। लेकिन, जिस तरह से मराठवाडा में आघाडी महायुति को घेर रही है, उसमें महायुति को लाडली बहन योजना और सरकार की अन्य योजनाओं पर भरोसा है। स्थानीय जनता भी मराठा आरक्षण को लेकर समाज में उपजे असंतोष पर लाडली बहन योजना को कुछ हद तक कारगर मान रही है।

रोजगार की भी होनी चाहिए थी बात

गणेश पाटील कहते हैं कि महायुति ने महिलाओं को लुभाने के लिए लाडली बहन योजना शुरू की, वहीं आघाडी मराठा और ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को प्रमुखता दे रही है। सपना पाटील कहती हैं कि महिलाओं के लिए योजनाएं अच्छी हैं, लेकिन महायुति को महिला सुरक्षा पर ठोस उपाय करने चाहिए थे। रमेश सावंत ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर आघाडी को भी बताना चाहिए कि अगर उनकी सरकार आती है, तो कैसे इसका हल निकालेंगे। साथ ही, किसानों के संकट का भी हल जरूरी है।

ग्रेजुएशन कर रहे संदीप राणे कहते हैं कि आरक्षण के अलावा आघाडी और महायुति को युवाओं के लिए रोजगार की भी बात करनी चाहिए थी। विनायक देशमुख कहते हैं कि जब कोई मुद्दा नहीं रहता है, तो जाति की बात होती है। आघाडी जिस तरह से जाति की राजनीति कर रही है, उसका लाभ नहीं होने वाला है। सभी दलों को जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के विकास और जनता की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।

हिंगोली में सेंध लगाने की कोशिश

हिंगोली जिले की तीन सीटों पर महायुति का पलड़ा भारी है, लेकिन यहां आघाडी सेंध लगाने की कोशिश में है। वसमत सीट पर अजित गुट के राजू नवघरे के खिलाफ शरद गुट ने जयप्रकाश दांडेगांवकर को उतारा है। कलमनूरी सीट पर शिंदे गुट के संतोष बांगर के खिलाफ उद्धव गुट के संतोष टारफे हैं। हिंगोली सीट पर बीजेपी के तानाजी मुटकुले के खिलाफ उद्धव गुट से रुपाली कोरेगांवकर हैं।

जालना में बीजेपी का था पिछला चुनाव

पिछले विधानसभा चुनाव में पांच सीटों में से बीजेपी को तीन, एनसीपी और कांग्रेस को एक-एक सीट मिली थी। इस बार यहां पर आघाडी कड़ी टक्कर दे रही है। जालना सीट पर शिंदे गुट के अर्जुन खोतकर और कांग्रेस के कैलाश गोरंट्याल, बदनापुर में बीजेपी के नारायण कुचे और शरद पवार गुट के रूपकुमार चौधरी, भोकरदन में बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री रावसाहेब दानवे के बेटे संतोष दानवे, परतूर में बीजेपी के बबनराव लोणीकर और ठाकरे गुट के आसाराम बोराडे, घन सावंगी में शिंदे सेना के हिकमत उढाण और शरद गुट के राजेश टोपे के बीच कड़ा मुकाबला है।

परभणी को भेदने की कोशिश जारी

परभणी जिले की सभी चार सीटों पर कड़ी टक्कर है। परभणी सीट के मौजूदा विधायक राहुल पाटील ठाकरे गुट से हैं। उनके सामने शिंदे गुट ने आनंद भरोसे को टिकट दिया है। गागाखेड से मौजूदा विधायक रत्नाकर गुट्टे आरएसपी के उम्मीदवार हैं और उन्हें उद्धव गुट के विशाल से कड़ी टक्कर मिल रही है। पाथरी सीट पर अजित गुट से राजेश विटेकर के सामने कांग्रेस के मौजूदा विधायक सुरेश वरपुडकर हैं। बीजेपी ने जिंतूर सीट से मौजूदा विधायक मेघना बोर्डीकर, तो शरद गुट ने विजय कांबले को उतारा है।

महामंडल से जनता को कितना लाभ?

अशोक जाधव ने कहा कि मराठवाडा में कई समस्याएं हैं, उसका हल निकालने और विकास के लिए मराठवाडा विकास महामंडल लिमिटेड की स्थापना की गई है। लेकिन, इसका मराठवाडा को कितना लाभ हुआ है, कोई अता-पता नहीं है। जिस इमारत में महामंडल कार्यालय है, उसी में उद्योग निदेशालय है, लेकिन आस-पास और विकास भवन की इमारत को देखकर लगता है कि सबसे पहले इन्हें ही रंग रोशन की जरूरत है।

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