Maharashtra Chunav: कृपाशंकर सिंह के साथ आने से महायुति को राहत, क्या बीजेपी-आरपीआई उम्मीदवार अमरजीत सिंह की जीत हुई पक्की?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इन दिनों काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं। कलिना विधानसभा सीट पर महायुति को राहत भरी खबर उस वक्त हाथ लगी जब कृपाशंकर सिंह बीजेपी-आरपीआई उम्मीदवार के साथ आ गए। इस सीट का गणित अब कितना बदल गया है आपको हर पहलु समझना चाहिए।
Maharashtra: बीजेपी-आरपीआई उम्मीदवार अमरजीत सिंह ने वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व कांग्रेसी कृपाशंकर सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की, जिसके बाद उनकी जीत के आसार बढ़ते नजर आ रहे हैं। अमरजीत सिंह कलिना विधानसभा क्षेत्र से उद्धव ठाकरे की शिवसेना के दो बार के विधायक संजय पोतनीस को चुनौती दे रहे हैं। बीजेपी नेता कृपाशंकर सिंह, जो खुद भी इससे पहले कलिना से चुनाव जीत चुके हैं, ने अब महायुति के उम्मीदवार अमरजीत सिंह को अपना पूर्ण समर्थन दे दिया है।
कलिना विधानसभा सीट पर कौन कितना मजबूत?
अमरजीत सिंह और कृपाशंकर सिंह पूर्व में प्रतिद्वंदी रह चुके हैं। दोनों ने 2014 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाग लिया था, जिसमें संजय पोतनीस ने 1297 वोटों के मामूली अंतर से अमरजीत को हराकर जीत हासिल की थी, जबकि कृपाशंकर तीसरे स्थान पर रहे थे। 2019 के महाराष्ट्र चुनावों में, पोतनीस ने कांग्रेस उम्मीदवार को 4,931 वोटों के अंतर से हराया था, और उस समय बीजेपी ने संयुक्त शिवसेना के साथ गठबंधन के कारण अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था।
हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों में, इंडिया गठबंधन की उम्मीदवार वर्षा गायकवाड़ ने महायुति के उम्मीदवार उज्जवल निकम पर कलिना में 16,000 से अधिक वोटों की बढ़त हासिल की थी, और पोतनीस इसी बात पर अपनी जीत की उम्मीद लगाए हुए हैं।
अमरजीत सिंह ने कृपाशंकर से मुलाकात पर क्या कहा?
कृपाशंकर सिंह से हुई मुलाकात पर अमरजीत सिंह ने कहा, “मैंने कृपाशंकर सिंह से उनके निवास पर मुलाकात की और उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वह मेरी सभी प्रचार यात्राओं में मौजूद रहेंगे। वह कलिना में एक वरिष्ठ नेता हैं और मुझे अब अपनी जीत का पूरा भरोसा है।” अमरजीत आरपीआई के एकमात्र उम्मीदवार हैं जो रामदास आठवले के कोटे का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और बीजेपी के कमल के निशान पर चुनाव लड़ रहे हैं। वे पोतनीस के खिलाफ 10 साल बाद की एंटी-इंकम्बेंसी का दावा कर रहे हैं।
अमरजीत सिंह ने कलिना की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा कि “पोतनीस को इलाके में काफी लंबे समय से नहीं देखा गया और उनके खिलाफ भारी एंटी-इंकम्बेंसी है। ट्रैफिक, नशे का उपयोग, अवैध निर्माण जैसी समस्याएं अभी भी कलिना में बनी हुई हैं।” साफ है कलिना विधानसभा की चुनावी लड़ाई भी रोमांचक होगी और 20 नवंबर को यहां की जनता इन उम्मीदवारों के का भविष्य ईवीएम मशीन में कैद करेंगी।