Maharashtra Assembly Election 2024: नवाब मलिक बोले- मैं पूरी ताकत से चुनाव लड़ूंगा; पूर्व मंत्री अनीस अहमद कांग्रेस में वापस लौटे
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने महायुति सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने किसानों को “समर्थन की कमी” को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को अपना अभियान शुरू किया।
Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले राकांपा द्वारा नवाब मलिक को टिकट दिए जाने पर महायुति में बवाल शुरू हो गया। पार्टी ने मलिक को मानखुर्द शिवाजी नगर से उम्मीदवार बनाया है। उनकी पार्टी उम्मीदवारी को लेकर भाजपा ने विरोध जताया। इस पर नवाब मलिक ने अब प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि वह चुनाव लड़ेंगे तो भाजपा और शिवसेना उनका विरोध जताएंगे। राकांपा नेता ने आगे कहा कि वह पूरी ताकत से चुनाव लडे़ंगे।
नवाब मलिक ने कहा, “यह स्पष्ट है कि मैं चुनाव लड़ूंगा तो भाजपा और शिवसेना इसका विरोध करेंगे। लेकिन जिस तरह से पार्टी ने मुझपर अंतिम समय में भरोसा जताया, एबी फॉर्म भेजा और मुझे पार्टी का उम्मीदवार बनाया। मैं पार्टी के लिए पूरी शक्ति से चुनाव लड़ूंगा।”
कांग्रेस में वापस लौटे अनीस अहमद
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व राज्य मंत्री अनीस अहमद कांग्रेस में वापस आ गए। हाल ही में अनीस कांग्रेस का साथ छोड़कर वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) में शामिल हुए थे। राज्य में इस महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए वह वीबीए ने उन्हें सेंट्रल नागपुर सीट से टिकट दिया ता, लेकिन वे अपना नामांकन दाखिल करने में कुछ मिनट से चूक गए। नामांकन दाखिल करने में असफल होने के बाद अहमद फिर से कांग्रेस में वापस लौट आए। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) प्रभारी रमेश चेन्निथला ने अहमद का स्वागत किया। बता दें कि 29 अक्तूबर को नागपुर कलेक्ट्रेट में हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला था, जहां अनीस अहमद ने नामांकन दाखिल करने में कुछ मिनट की देरी कर दी।
गांधी परिवार के वफादार अनीस अहमद कांग्रेस के टिकट से तीन बार नागपुर सेंट्रल सीट से जीत हासिल की थी। वह मंगलवार को रात के आठ बजे तक कलेक्ट्रेट में रुके रहें, लेकिन उनका फॉर्म स्वीकार नहीं किया गया। बता दें कि कल यानी की 29 अक्तूबर नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था। नामांकन दाखिल करने का आखिरी समय दोपहर के तीन बजे तक का था। मीडिया से बात करते हुए अनीस अहमद ने बताया कि उन्हें रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में सड़क बंद होने, वाहन प्रतिबंध और सुरक्षा प्रोटोकॉल जैसी बाधाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि वह अपने दस्तावेजों को इकट्ठा करने में पूरे दिन व्यस्त थे और तीन बजे के डेडलाइन से पहले ही नामांकन दाखिल करने पहुंच गए थे। उनके साथी उनका टोकन लेकर वहां मौजूद थे, लेकिन उन्हें रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में जाने की अनुमति नहीं दी गई।
अहमद ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे से कांग्रेस में मुस्लिम वोटों के बंटने की आशंका को लेकर चिंता शुरू हो गई थी। कांग्रेस ने इस बार अहमद को नागपुर सेंट्रल सीट से चुनावी मैदान में नहीं उतारा था। पार्टी ने बंटी शोल्के को फिर से नामांकित किया, जिसे 2019 में भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था। अहमद शुरू में चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस से टिकट की मांग की। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम नेता चाहते हैं कि वे समुदाय के प्रतिनिधित्व के लिए चुनाव लड़ें। उन्होंने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा देकर प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) में शामिल हो गए थे।
कांग्रेस ने साधा महायुति पर निशाना
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने महायुति सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने किसानों को “समर्थन की कमी” को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साधते हुए शनिवार को अपना अभियान शुरू किया। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रभारी रमेश चेन्निथला ने किसानों के साथ अन्याय अता चलनर नहीं (स्वीकार नहीं किया जाएगा) शीर्षक से एक विज्ञापन जारी किया।
इस मौके पर रमेश चेन्निथला ने कहा, “पिछले दो वर्षों में 20,000 से अधिक किसानों ने आत्महत्या कर ली। इसका कारण फसल क्षति मुआवजे की कमी और एमएसपी प्रदान करने में विफलता थी।” विज्ञापन में झूठे वादों और भ्रष्टाचार को लेकर महायुति सरकार पर निशाना साधा गया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के जलयुक्त शिविर परियोजना को जलमुक्त शिविर करार दिया गया।