मुंबई

Maharashtra: महायुति ने ‘एक हैं तो सेफ हैं’ विज्ञापन से खेला बड़ा दांव, जानें एक शब्द में ऐसा क्या छिपा कि MVA में मची खलबली

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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ‘एक हैं तो सेफ हैं’ का नारा गरमा गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस नारे का इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस पर समाज को बांटने का आरोप लगाया। इस नारे का विज्ञापन प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ, जिसमें विभिन्न जातियों की पगड़ियों को दर्शाया गया है, लेकिन मुस्लिम टोपी को शामिल नहीं किया गया।

Mumbai: विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक नारा दिया ‘बंटोगे तो कटोगे’, ‘एक हैं तो सेफ’ हैं। इन दो लाइनों को लेकर अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सियासत शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछड़े वर्गों के बीच दरार पैदा करने के लिए विभाजनकारी राजनीति में शामिल होने के लिए कांग्रेस की आलोचना की। उन्होंने अपने भाषण में कहा ‘एक हैं तो सेफ हैं’। इस नारे का विज्ञापन सोमवार को पूरे महाराष्ट्र के समाचार पत्रों में मुख्य पेज पर प्रकाशित किया गया।

फ्रंट पेज पर आए इस विज्ञापन को लेकर तमाम चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस एक लाइन में कई संदेश छिपे हैं। सफेद बैकग्राउंड में भगवा रंग से लिखा है एक हैं तो सेफ हैं। इसमें नीचे महायुति के प्रमुख तीनों दलों के चुनाव चिन्ह भी हैं।

अजित पवार, शिंदे और बीजेपी का चुनाव चिन्ह
क हैं तो सेफ हैं विज्ञापन में बीच में बीजेपी है। एक ओर अजित पवार की एनसीपी और दूसरी ओर एकनाथ शिंदे की शिवसेना का चुनाव चिन्ह है। बाकी इस ऐड में कुछ भी नहीं लिखा है। लेकिन इसकी एक और खास बात है। ऊपर जो एक लिखा है, इसके अंदर महाराष्ट्र में विभिन्न जाति और वर्गों की लगाई जाने वाली पगड़ी हैं।

मुस्लिम टोपी नहीं
इस विज्ञापन में मराठी पगड़ियों के एक साथ ‘एक’ में समाहित करके बीजेपी ने लोगों को जाति के आधार पर न बंटने का संदेश दिया है। हालांकि इसमें मुसलमानों की लगाई जाने वाले सफेद रंग की खास टोपी नहीं बनी है।

पीएम मोदी ने क्या कहा
महाराष्ट्र के धुले में हाल ही में एक चुनावी रैली में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी का एकमात्र एजेंडा एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ लड़ना है। उन्होंने कहा, ‘वे नहीं चाहते कि एससी, एसटी और ओबीसी प्रगति करें और उन्हें उनकी उचित मान्यता मिले। याद रखें, ‘एक हैं तो सेफ हैं’

पीएम ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से एससी (अनुसूचित जाति), एसटी (अनुसूचित जनजाति) और ओबीसी की एकजुटता की घोर विरोधी रही है। आजादी के बाद जब तक एससी, एसटी और ओबीसी समाज बिखरा रहा, कांग्रेस ‘बांटो और राज करो’ के सिद्धांत के जरिये केंद्र में सरकारें बनाती रही। लेकिन जैसे ही ये समुदाय एकजुट हुए…कांग्रेस फिर पूर्ण बहुमत के साथ केंद्र में अपनी सरकार नहीं बना पाई।

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना
हालांकि इन टिप्पणियों की कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने आलोचना की, जिन्होंने भाजपा पर समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा करने और हम बनाम उनके की भावना को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा भय और असुरक्षा पर खेलती है, जो संभावित रूप से सामाजिक ध्रुवीकरण को गहरा करती है।

खरगे ने साधा पीएम पर निशाना
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस तरह के नारे का उपयोग करने की आवश्यकता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि देश में इस संदेश को देने के लिए किसे खतरा महसूस होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के लिए असली खतरा भाजपा और आरएसएस से है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री कहते हैं ‘एक हैं तो सेफ हैं’ जबकि अन्य नेता (भाजपा के) ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की बात करते हैं। किसे धमकी दी जा रही है? क्या कोई समस्या है? वास्तव में, देश को आरएसएस, भाजपा, मोदी और (केंद्रीय गृह मंत्री) शाह से खतरा है।

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