महाराष्ट्र

Maharashtra: चुनाव से पहले कलेक्ट्रेट में ड्रामा, मिनटों के अंतर से नामांकन करने से चूके पूर्व राज्य मंत्री

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अहमद ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे से कांग्रेस में मुस्लिम वोटों के बंटने की आशंका को लेकर चिंता शुरू हो गई थी। कांग्रेस ने इस बार अहमद को नागपुर सेंट्रल सीट से चुनावी मैदान में नहीं उतारा।

Maharashtra: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले मंगलवार को कलेक्ट्रेट में जोरदार ड्रामा देखने को मिला। वंचित बहुजन अघाड़ी ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री अनीस अहमद को नागपुर सेंट्रल सीट से विधानसभा चुनाव का टिकट दिया था, लेकिन वे अपना नामांकन दाखिल करने में कुछ मिनट से चूक गए। गांधी परिवार के वपादार अनीस अहमद कांग्रेस के टिकट से तीन बार नागपुर सेंट्रल सीट से जीत हासिल की थी। वह मंगलवार को रात के आठ बजे तक कलेक्ट्रेट में रुके रहें, लेकिन उनका फॉर्म स्वीकार नहीं किया गया। बता दें कि कल यानी की 29 अक्तूबर नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन था। 

नामांकन दाखिल करने से चूके अनीस अहमद
नामांकन दाखिरी करने का आखिरी समय दोपहर के तीन बजे तक का था। मीडिया से बात करते हुए अनीस अहमद ने बताया कि उन्हें रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में सड़क बंद होने, वाहन प्रतिबंध और सुरक्षा प्रोटोकॉल जैसी बाधाओं का सामना करना पड़ा। उन्होंने बताया कि वह अपने दस्तावेजों को इकट्ठा करने में पूरे दिन व्यस्त थे और तीन बजे के डेडलाइन से पहले ही नामांकन दाखिल करने पहुंच गए थे। उनके साथी उनका टोकन लेकर वहां मौजूद थे, लेकिन उन्हें रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में जाने की अनुमति नहीं दी गई। 

कांग्रेस के दिया ता इस्तीफा
इस घटना के बाद यह सवाल उठ रहे हैं कि एक वरिष्ठ नेता अपना नामांकन दाखिल करने में चूक कैसे हो सकती है? ऐसी अटकलें भी थी कि कांग्रेस के शीर्ष नेताओं ने उन्हें चुनाव न लड़ने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे थे। अहमद ने हाल ही में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे से कांग्रेस में मुस्लिम वोटों के बंटने की आशंका को लेकर चिंता शुरू हो गई थी। कांग्रेस ने इस बार अहमद को नागपुर सेंट्रल सीट से चुनावी मैदान में नहीं उतारा था। पार्टी ने बंटी शोल्के को फिर से नामांकित किया, जिसे 2019 में भाजपा से हार का सामना करना पड़ा था। 

हालांकि, अहमद शुरू में चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं थे, लेकिन बाद में उन्होंने कांग्रेस से टिकट की मांग की। उन्होंने दावा किया कि मुस्लिम नेता चाहते हैं कि वे समुदाय के प्रतिनिधित्व के लिए चुनाव लड़ें। उन्होंने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा देकर प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) में शामिल हो गए। नामांकन दाखिल करने के लिए उन्हें वीबीए ने एबी फॉर्म दिया। इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने भी अहम को टिकट की पेशकश की थी, लेकिन उन्होंने कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी का दावा करते हुए इसे खारिज कर दिया।

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