महाराष्ट्र

Maharashtra: उत्तर भारतीय मंत्री न बनने पर बीजेपी की आलोचना

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फडणवीस कैबिनेट में उत्तर भारतीय को शामिल नहीं करने पर समाज में नाराजगी, बीजेपी के नेता मौनी, कांग्रेस और विपक्ष ने बीजेपी की आलोचना की।

Nagpur: किसी भी उत्तर भारतीय को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने पर उत्तर भारतीय समाज में भारी नाराजगी सामने आ रही है। इस मामले पर जहां बीजेपी के उत्तरभारतीय नेता मौनी बाबा बन गए हैं, वहीं कांग्रेस सहित अन्य विरोधी दलों ने जमकर बीजेपी की खिंचाई की है। मुंबई कांग्रेस के कोषाध्यक्ष संदीप शुक्ला ने कहा कि बीजेपी को उत्तरभारतीयों से सिर्फ वोट चाहिए और गुजराती समाज से नोट चाहिए। बीजेपी सत्ता में हिस्सेदारी नहीं देंगी। उद्धव सेना के नेता डॉ द्रिगेश यादव ने कहा बीजेपी को कम से कम एक उत्तरभारतीय को मंत्रिमंडल में स्थान तो देना ही चाहिए। इसे लेकर बीजेपी समाज में भारी नाराजगी है। बीजेपी के उत्तरभारतीय नेता मुंह छिपाते फिर रहे हैं।

39 विधायकों को मंत्री पद
गौरतलब है कि रविवार को नागपुर में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया। कुल 39 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, लेकिन एक भी उत्तरभारतीय को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। इसे लेकर उत्तरभारतीय समाज में भारी नाराजगी है। इस पर बीजेपी के उत्तरभारतीय नेता, विधायक, पूर्व नगरसेवक बोलने के लिए तैयार नहीं है। नाम न लिखने की शर्त पर स्वीकार करते हैं कि पार्टी ने गलत किया। बीजेपी को मतदान वाले उत्तरभारतीय समाज से किसी को भी मंत्री नहीं बनाना गलत निर्णय है लेकिन वे कुछ कर नहीं सकते। वे कहते हैं कि आने वाले बीएमसी चुनाव में पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उत्तरभारतीयों को बहुत निराश किया है।

बीजेपी के उत्तरभारतीय नेताओं का मजाक
दूसरी ओर, कांग्रेस, उद्धव सेना के उत्तरभारतीय नेता बीजेपी के उत्तरभारतीय नेताओं का मजाक उड़ा रहे हैं। बीजेपी के उत्तरभारतीय नेताओं की स्थिति ऐसी बन गई है कि ‘रहा भी न जाए और सहा भी न जाए।’ मुंबई कांग्रेस के कोषाध्यक्ष संदीप शुक्ला कहते हैं कि कांग्रेस ने उत्तरभारतीयों को सब कुछ दिया। नसीम खान, नवाब मलिक, कृपाशंकर सिंह, चंद्रकांत त्रिपाठी, राम मनोहर त्रिपाठी जैसे कई लोगों को मंत्री बनाया। राजहंस सिंह को आठ साल तक बीएमसी में विरोधी पक्ष नेता बनाया, उन्हें विधायक बनाया। रमेश सिंह ठाकुर को नगरसेवक से लेकर विधायक तक बनाया।

कांग्रेस ने बनाया था अध्यक्ष
यहां तक कि कृपाशंकर सिंह, संजय निरुपम को मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष तक बनाया। निरुपम को लोकसभा का टिकट देकर संसद तक पहुंचाया, बीजेपी ने क्या किया, आज तक किसी उत्तरभारतीय को कैबिनेट मंत्री तक नहीं बनाया। मुंबई बीजेपी का अध्यक्ष तक नहीं बनाया। यह सब उत्तरभारतीय मतदाता देख रहा है इसलिए आने वाले बीएमसी के चुनाव में समाज जरूर सजा देगा। उद्धव सेना के नेता डॉ द्रिगेश यादव कहते हैं कि बीजेपी को वोट से मतलब है। वोट ले लिया। सत्ता मिल गई। बाद में सब भूल गई। उन्हें बहुत आश्चर्य है कि पार्टी में चार-चार विधायक होने के बाद भी किसी को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया। आने वाले बीएमसी के चुनाव में बीजेपी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। यादव संघ के सचिव दीपक यादव का कहना है कि फडणवीस से उत्तरभारतीय समाज विशेषकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि किसी एक को मंत्री बनाएंगे, परंतु उन्होंने किसी भी उत्तरभारतीय को मंत्री नहीं बनाया। इससे उत्तरभारतीय समाज बहुत ही नाराज है।

गुजराती समाज में भी नाराजगी
उत्तरभारतीय की तरह गुजराती समाज भी बीजेपी के साथ खड़ा है, लेकिन दोनों ही समाज के किसी भी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया। गुजराती समाज भी बीजेपी से नाराज हो गया है। गुजराती समाज के योगेश सागर, मिहिर कोटेचा और पराग शाह विधायक है। इनमें से किसी को भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। मुंबई से बीजेपी ने आशीष शेलार और मंगल प्रभात लोढ़ा को मंत्री बनाया गया।

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