‘Lapata Ladies’ ऑस्कर 2025 से हुई बाहर तो लोगों ने निकाली भड़ास, FFI के जूरी ने कहा-‘निर्णय का सम्मान करें…’
लापता लेडीज के ऑस्कर 2025 से बाहर आने के बाद फैंस भड़ास निकाल रहे हैं। अब इतने विवाद के बाद फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) जूरी के प्रमुख जाह्नु बरुआ ने इस बारे में सफाई दी है। उन्होंने कहा-यह एक डेमोक्रेटिक प्रोसेस है और जूरी का जो भी फैसला होगा उन्हें उसे स्वीकार करना होगा।”
Mumbai: आमिर खान और किरण राव की फिल्म लापता लेडीज के ऑस्कर 2025 से बाहर आने के बाद फैंस के बीच काफी नाराजगी है। बता दें लापता लेडीज बेस्ट इंटरनेशनल फीचर कैटेगरी की शार्टलिस्ट में जगह बनाने में विफल हो गई। जैसे ही ये न्यूज सोशल मीडिया पर सामने आईं फैंस भड़ास निकालने लगे। सोशल मीडिया पर नेटिजन्स ने फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) जूरी की आलोचना की।
फिल्म निर्माता हंसल मेहता और ग्रैमी विजेता म्यूजिशियन रिकी केज ने एफएफआई के फैसले की आलोचना की है। अब इतने विरोध के बाद जूरी के प्रमुख जाह्नु बरुआ ने इस बारे में सफाई दी है। जाह्नु बरुआ ने कहा- “सच में यह बहुत अनावश्यक है। लोगों को ऐसी बातें क्यों कहनी चाहिए? यह बहुत दुखद है। लोगों को इसे जूरी के निर्णय के रूप में स्वीकार करना चाहिए।
ये डेमोक्रेटिक प्रोसेस है
मेरी कई फिल्में कई प्रतियोगिताओं में गई हैं, कुछ जगहों पर उन्हें पुरस्कार मिले और कुछ जगहों पर वे जीतने में विफल रहीं। इसका मतलब यह नहीं है कि मुझे उस पर नेगेटिव कमेंट करना चाहिए। हमें प्रक्रिया के प्रति सम्मान रखना चाहिए। लोगों को यह समझना होगा कि यह एक डेमोक्रेटिक प्रोसेस है और जूरी का जो भी फैसला होगा उन्हें उसे स्वीकार करना होगा।”
ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट टेक्निकल रूप खराब
जाह्नु बरुआ का कहना है कि “ज्यूरी को लगा कि पिछले कुछ सालों में ऑस्कर में जो फिल्में गई हैं, उनमें इंडियननेस की कमी है। एक फिल्म को राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करना चाहिए। हमें लगा कि लापता लेडीज में वह सभी चीजें है। इसमें सामाजिक संदेश को शानदार ढंग से पेश किया गया है, जिससे हम गुजरते हैं। उन्होंने कहा अभी भी वो जूरी के निर्णय के साथ हैं, उन्होंने ऑल वी इमेजिन ऐज लाइट को टेक्निकल रूप से बहुत खराब बताया।