झारखंड

Impact of Elections: झारखंड-महाराष्ट्र में अचानक बरसने लगीं नौकरियां, लोकसभा से लेकर विधानसभा चुनावों तक गूंजता रहा है रोजगार का वादा

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चुनाव में राजनीतिक दल घोषणाओं की बौछार करने लगते हैं। तरह-तरह के लूभावने वादे किए जाते हैं। पर, वर्ष 2020 के बद से लगातार राजनीतिक दलों का फोकस रोजगार और नौकरियों पर होता रहा है। फिलहाल महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। एनडीए और इंडिया ब्लाक की ओर से नौकरियों और रोजगार के बड़े-बड़े वादे किए जा रहे हैं। बिहार में अगले साल चुनाव है। फिर भी नीतीश कुमार का फोकस सरकारी नौकरियों पर है

Ranchiभाजपा हो इंडिया ब्लाक में शामिल पार्टियां, रोजगार और नौकरियां अब सभी के एजेंडे में हैं। झारखंड और महाराष्ट्र में हो रहे विधानसभा चुनावों में एनडीए के अग्रणी दल भाजपा ने बड़े पैमाने पर रोजगार के संकल्प लिए हैं। भाजपा और उसके सहयोगी दल इस वादे को अपना संकल्प बता रहे तो इंडिया ब्लाक की कांग्रेस और सहयोगी पार्टियां गारंटी दे रही हैं। झारखंड में तो चुनाव की घोषणा के पहले नियुक्तियों की ऐसी हड़बड़ी हुई कि नौकरी की दौड़ लगा रहे दर्जन से अधिक युवाओं को असामयिक मौत मिली। दरअसल उत्पाद विभाग में सिपाही पर भर्ती के लिए अगस्त-सितंबर की उमस भरी गर्मी को ये अभ्यर्थी झेल न सके और दौड़ के दौरान ही चल बसे या बीमार होकर अस्पताल पहुंचने के बावजूद बचाए नहीं जा सके।

झारखंड में एनडीए पांच लाख नौकरियां देगा
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का घोषणापत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जारी कया। घोषणापत्र में भाजपा ने अपने 150 संकल्पों का उल्लेख किया है। भाजपा का वादा है कि एनडीए की सरकार बनने पर झारखंड में पाँच साल की अवधि में सुनिश्चित रोजगार योजना लागू की जाएगी। इसके तहत 2,87,000 सरकारी पदों पर भर्ती की जाएगी और पांच लाख स्वरोजगार के अवसर पैदा किए जाएंगे। साल भर में यानी नवंबर 2025 तक ही डेढ़ लाख पदों पर भर्ती की जाएगी। नियुक्तियों के लिए वार्षिक कैलेंडर जारी होगा। इतना ही नहीं, जिन्हें रोजगार नहीं मिल पाएगा, उनके लिए भाजपा ने मदद का प्रावधान अपने घोषणा पत्र में किय. है। इसके लिए भाजपा ने युवा साथी भत्ता योजना शुरू करने की बात कही है। इसके तहत रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे स्नातक और स्नातकोत्तर युवाओं को दो साल तक मासिक 2,000 रुपए का भत्ता मिलेगा।

‘इंडिया’ देगा 10 लाख नौकरी और रोजगार
झारखंड में इंडिया ब्लाक में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी शामिल हैं। इंडिया ब्लाक ने साझा घोषणापत्र जारी किया है। इंडिया ब्लाक ने वादा किया है कि दोबारा उसकी सरकार बनी तो रोजगार एवं स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में क्रांति आएगी। झारखंड के 10 लाख युवक और युवतियों को नौकरी व रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही करीब 15 लाख रुपए तक का पारिवारिक स्वास्थ्य बीमा का लाभ दिया जाएगा। पिछली बार भी इंडिया ब्लाक की अग्रणी पार्टी जेएमएम ने रोजगार का वादा किया था। रोजगार न मिलने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ता देने की बात भी बात थी। वादे के मुताबिक युवाओं को न नौकरी मिल पाई और बेरोजगारी भत्ता ही मिला। इसे लेकर एनडीए की पार्टियां लगातार हेमंत सोरेन सरकार की आलोचना करती रही हैं। उनकी इस विफलता को वादाखिलाफी बता कर भाजपा ने चुनाव में आक्रामक रुख भी अख्तियार किया है।

महाराष्ट्र में भाजपा 25 लाख नौकरियां देगी
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए महायुति और महा विकास अघाड़ी ने अपने घोषणापत्र जारी कर दिए हैं। दोनों के घोषणापत्र में दूसरे आकर्षक और लोकलुभावन वादों के अलावा रोजगारी और नौकरी पर खास फोकस है। भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति ने 25 लाख नौकरियों के अवसर सृजित करने का संकल्प लिया है। इसके अलावा शिवाजी महाराज आकांक्षा केंद्र बनाए जाएंगे। इसमें पांच साल में 10 लाख नए उद्यमी तैयार करने की बात है। इसके साथ ही भाजपा ने 10 लाख छात्रों को हर महीने 10 हजार रुपए ट्यूशन फी देने का भी वादा किया है। दूसरी ओर महा विकास अघाड़ी (MVA) ने सरकारी नौकरियों में ढाई लाख रिक्त पद भरने की गारंटी दी है। कांट्रैक्ट पर नियुक्तियों की परंपरा एमवीए बंद करेगा। सारी नियुक्तियां महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग के जरिए होंगी। बेरोजगारों को हर महीने चार हजार रुपए की आर्थिक सहायता देने की गारंटी भी महा विकास अघाड़ी ने दी है।

बिहार में नीतीश देंगे और 10 लाख नौकरी
सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी व 24 लाख लोगों को रोजगार से जोड़ेंगे। बीपीएससी के माध्यम से 2.20 लाख से अधिक शिक्षकों की बहाली हुई है. नियोजित शिक्षकों को भी सरकारी बनाने की दिशा में काम चल रहा है। नीतीश सरकार में डेप्युटी सीएम सम्राट चौधरी का कहना है कि लालू-राबड़ी सरकार ने 1990 से 2005 के बीच मात्र एक लाख लोगों को नौकरी दी थी। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने अब तक 7.5 लाख युवाओं को नौकरी दी है। अगले साल तक सरकार 12 लाख लोगों को नौकरी देगी।

तेजस्वी ने बनाया रोजगार को चुनावी मुद्दा
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने पहली बार 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में रोजगार और सरकारी नौकरी का मुद्दा उछाला था। उन्होंने वादा किया था कि बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी। इस पर भारी विवाद भी हुआ था। नीतीश कुमार ने कहा था कि इसके लिए पैसे कहां से लाएंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि जेल गए अपने पिता जी से पैसे लाएंगे क्या। हालांकि नीतीश कुमार जब महागठबंधन के साथ चले गए तो बड़े पैमाने पर शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई। इसे तेजस्वी यादव अपनी उपलब्धि बताते हैं। उनकी पार्टी के नेता उन्हें इंप्लॉयमेंट मैन बताने से नहीं चूकते। इस तरह के तो अब पोस्टर भी आरजेडी नेता लगाने लगे हैं।

अब सभी दलों का फोकस रोजगार और नौकरी पर हो गया है। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में भी रोजगार और नौकरी का वादा इंडिया ब्लाक और एनडीए ने खूब किया। इंडिया ब्लाक की पार्टियों ने वादा किया था कि केंद्र सरकार में स्वीकृत 30 लाख पदों को भरा जाएगा। पंचायत और नगर निकायों में सहमति से खाली पद भरे जाएंगे। एनडीए ने सीधी नियुक्तियों के बाबत तो कोई घोषणा नहीं की, लेकिन स्टार्टअप और मुद्रा लोन की सुविधाओं से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित करने का संकल्प दोहराया था।

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