Gautam Adani Issue in Parliament: गौतम अडानी मुद्दे पर संसद में संग्राम, राहुल गांधी बोले- उन्हें जेल में होना चाहिए, लेकिन सरकार बचा रही है
राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग बुधवार को फिर उठाई और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें बचा रही है। राहुल गांधी ने कहा, छोटे-छोटे मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जाता है। इन सज्जन को अमेरिका में हजारों करोड़ रुपये की अनियमितता के लिए अभ्योरोपित किया गया है। इनको जेल में होना चाहिए।
New Delhi: लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उद्योगपति गौतम अडानी की गिरफ्तारी की मांग बुधवार को फिर उठाई और आरोप लगाया कि केंद्र सरकार उन्हें बचा रही है। उन्होंने संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि अमेरिका में अदाणी को हजारों करोड़ रुपये की अनियमितता के मामले में अभ्यारोपित किया गया है, ऐसे में उन्हें जेल में होना चाहिए। इससे पहले, अडानी समूह की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बुधवार को कहा कि अरबपति गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर कथित रिश्वतखोरी के मामले में अमेरिका के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के उल्लंघन का कोई आरोप नहीं लगाया गया है।
कंपनी का यह भी कहना है कि उन पर प्रतिभूति धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाया गया है जिसमें मौद्रिक दंड लगाया जाना शामिल है। इस बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने कहा, क्या आपको लगता है कि अडानी अपने खिलाफ लगे आरोपों को स्वीकार करेंगे? आप किस दुनिया में रह रहे हैं? निश्चित तौर पर वह इनकार करेंगे। जैसा कि हमने पहले कहा है, उनको गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, छोटे-छोटे मामले में सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया जाता है। इन सज्जन को अमेरिका में हजारों करोड़ रुपये की अनियमितता के लिए अभ्योरोपित किया गया है। इनको जेल में होना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अडानी को बचा रही है। राहुल गांधी ने कुछ दिनों पहले भी अदाणी की गिरफ्तारी की मांग की थी।
जेपीसी की मांग को लेकर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अदाणी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के गठन की मांग को लेकर बुधवार को राज्यसभा में हंगामा किया जिसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ ही देर बाद 11.30 बजे तक और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने बताया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत कुल 18 नोटिस मिले हैं। उन्होंने सभी नोटिस अस्वीकार कर दिए।
जी सी चंद्रशेखर, रणदीप सिंह सूरजेवाला, सैयद नासिर हुसैन, नीरज डांगी और राजीव शुक्ला सहित कांग्रेस के कुछ अन्य सदस्यों ने अन्य प्राधिकरणों के साथ मिलीभगत से अदाणी समूह के कथित भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और वित्तीय अनियमितताओं सहित अन्य कदाचारों की जांच के लिए जेपीसी के गठन के लिए नोटिस दिए थे। तृणमूल कांग्रेस की सुष्मिता देव, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरूची शिवा, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के पी संदोष कुमार ने मणिुपर में जारी हिंसा के मुद्दे पर जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के जॉन ब्रिटास, माकपा के ए ए रहीम, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के अब्दुल वहाब ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर चर्चा के लिए नोटिस दिए थे। सभापति धनखड़ ने कहा सभी नोटिस अस्वीकार करते हुए कहा कि वे इन मुद्दों पर अन्य प्रावधानों के तहत उठा सकते हैं। इसके तत्काल बाद कांग्रेस सहित विपक्ष के अन्य सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया। इससे पहले कि हंगामा और तेज होता धनखड़ ने 11 बजकर 11 बजे सदन की कार्यवाही 11 बजकर 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी।