Election Commission Notice BJP Congress: अमित शाह और राहुल गांधी ने चुनाव आचार संहिता का किया उल्लंघन? चुनाव आयोग (EC) का बीजेपी-कांग्रेस अध्यक्ष को नोटिस
चुनाव आयोग (EC) ने बीजेपी और कांग्रेस अध्यक्षों को नोटिस जारी किए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के चुनावी भाषणों पर कार्रवाई की मांग की गई है। आयोग आरोपों की जांच करेगा। आयोग ने दोनों पार्टियों से 18 नवंबर तक जवाब मांगा है।
New Delhi: महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी पारा चढ़ा हुआ है। प्रमुख राजनीतिक पार्टियां जमकर प्रचार अभियान में जुटी हैं। इसी बीच चुनाव आयोग (EC) ने केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस दोनों को नोटिस भेजा है। यह नोटिस चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह और राहुल गांधी के भाषणों को लेकर दिया गया है। दोनों नेताओं पर अपने भाषणों में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा है। आयोग ने नोटिस जारी करते हुए दोनों पार्टियों से सोमवार तक जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने अपने नोटिस में अमित शाह और राहुल गांधी का नाम नहीं लिया है, जैसा कि आमतौर पर होता है। हालांकि, पार्टी को अपने स्टार प्रचारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
इसलिए चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस
बीजेपी ने राहुल गांधी के 6 नवंबर को मुंबई में दिए गए एक भाषण पर चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं कांग्रेस ने अमित शाह के 12 नवंबर को धनबाद रैली में दिए गए भाषण पर आपत्ति जताई थी। बीजेपी ने राहुल गांधी पर झूठे, निराधार, असत्यापित और आधारहीन टिप्पणी करने का आरोप लगाया। वहीं कांग्रेस ने अमित शाह पर झूठे, भ्रामक, द्वेषपूर्ण और अपमानजनक कमेंट का आरोप लगाया। कांग्रेस का यह भी आरोप है कि अमित शाह ने धर्म और जाति के आधार पर मतदाताओं को भड़काने वाले बयान दिए हैं।
झारखंड-महाराष्ट्र चुनाव के बीच नोटिस
चुनाव आयोग ने दोनों पार्टियों को भेजे गए नोटिस में 22 मई, 2024 को जारी की गई अपनी एडवाइजरी की याद दिलाई है। आयोग ने उस समय बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से कहा था कि वे यह सुनिश्चित करें कि उनके स्टार प्रचारक राजनीतिक भाषणों के उच्च मानकों का पालन करें और आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का अक्षरशः पालन करें।
चुनाव आयोग ने नोटिस में क्या कहा
चुनाव आयोग ने अपनी एडवाइजरी में कहा था कि स्टार प्रचारकों को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 77 के कारण विशेष दर्जा प्राप्त है। ऐसे में स्टार प्रचारकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे उच्च स्तर के भाषण दें और स्थानीय मुद्दों पर संतुलित नजरिया रखें। चुनाव आयोग ने कहा था कि स्टार प्रचारकों के भाषणों को अन्य नेताओं की तुलना में उच्च मानकों पर परखा जाता है। चुनाव आयोग जल्द ही झारखंड में कांग्रेस की ओर से अपने घोषणापत्र को जारी करने के मामले पर भी फैसला ले सकता है। बीजेपी ने इस मामले में भी चुनाव आयोग से शिकायत की है।
बीजेपी ने की थी राहुल गांधी की शिकायत
बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने 13 नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान से 48 घंटे पहले 12 नवंबर को अपना घोषणापत्र जारी करके आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किया है। आदर्श आचार संहिता के अनुसार, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के तहत, कई फेज के चुनाव में भी, साइलेंट पीरियम में घोषणापत्र जारी करना वर्जित है। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस मामले में चुनाव आयोग को एक रिपोर्ट भेजी है।
कांग्रेस ने अमित शाह के भाषण पर उठाए थे सवाल
चुनाव आयोग ने अमित शाह और राहुल गांधी के खिलाफ मिली शिकायत पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के अध्यक्ष को नोटिस भेजा है। उनसे 18 नवंबर की दोपहर तक इन नोटिस का जवाब मांगा है। चुनाव आयोग ने इन नोटिस में अमित शाह या राहुल गांधी का नाम नहीं लिया है, जैसा कि आमतौर पर होता है। आयोग ने लोकसभा चुनावों की तरह ही पार्टी को अपने स्टार प्रचारकों के लिए जिम्मेदार ठहराया है, जैसा कि उस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ शिकायतें मिली थीं।
EC के सामने दोनों दलों को देना होगा जवाब
चुनाव आयोग ने बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को अमित शाह के 12 नवंबर के भाषण पर कांग्रेस की ओर से मिली शिकायत के बाद नोटिस भेजा है। कांग्रेस ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि शाह ने अपने भाषण में कांग्रेस और उसके सहयोगियों के खिलाफ झूठे, भ्रामक, द्वेषपूर्ण और अपमानजनक कमेंट किए थे। इसी तरह, खरगे को राहुल गांधी के 6 नवंबर के भाषण पर बीजेपी की शिकायत की एक प्रति भेजी गई है। बीजेपी ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने अपने भाषण में बीजेपी के खिलाफ झूठे, निराधार, असत्यापित और आधारहीन आरोप लगाए और दो राज्यों के नागरिकों के बीच फूट पैदा करने की कोशिश की।