नई दिल्ली

Eknath Shinde 3 Proposal: एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र सीएम फॉर्म्युले के लिए रखीं तीन शर्तें, एक भी मानने पर फंसेगी बीजेपी, जानें ऐसा क्या

Spread the love

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लेकर दिल्ली में हुई बैठक के बाद भी अनिश्चितता है। एकनाथ शिंदे ने अपने गांव की ओर रूख़ कर लिया है। उन्होंने अमित शाह से गृह, वित्त और राजस्व विभाग की मांग की है। बीजेपी शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देने से हिचकिचा रही है जिससे शिंदे नाराज हैं।

New Delhi: दिल्ली में बैठक के बाद भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस कायम है। अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ हुई बैठक के बाद एकनाथ शिंदे ने अच्छी और सकारात्मक बात का दावा किया। उन्होंने कहा कि अगले मुख्यमंत्री को लेकर एक या दो दिन में मुंबई में महायुति गठबंधन की बैठक होगी जिसमें सभी फैसले लिए जाएंगे। दिल्ली में बैठक के बाद शिंदे मुंबई आए लेकिन शुक्रवार को अचानक दोपहर को वह सतारा स्थित अपने गांव चले गए। शिंदे के करीबियों ने बताया कि बीजेपी के रवैये से वे विचलित हैं। वे चाहते हैं कि इतने बड़े बहुमत के बाद भी सरकार नहीं बनाने में हो रही देरी का कोई कारण नहीं है, फिर भी देरी हो रही है।

अमित शाह के साथ एकनाथ शिंदे की जो बातचीत फाइनल हुई वह सामने आ रही है। सूत्रों ने बताया कि महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक समझौते के फार्मूले की पेशकश की है। जिसमें उन्होंने तीन रास्ते बताए हैं, जिसमें से बीजेपी को एक चुनना है।

दिल्ली में हुई चर्चा रही फेल

288 सदस्यीय विधानसभा में महायुति के 230 सीटें जीतने के बाद एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने सत्ता बंटवारे पर चर्चा करने के लिए गुरुवार रात अमित शाह से मुलाकात की थी। यह बैठक दिल्ली में हुई थी।

एकनाथ शिंदे ने किया क्या दावा
सूत्रों ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि चूंकि विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था, इसलिए महिला मतदाताओं, मराठों और अन्य पिछड़ा वर्ग ने महायुति को वोट किया। उन्होंने लाडली बहन योजना, आरक्षण निर्णय और विभिन्न समुदायों के लिए गठित सहकारी बोर्डों के कारण भी महायुति की जीत का जिक्र किया।

शिंदे ने बताया कारण, क्यों बनाएं उन्हें सीएम
शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता कहा, ‘शिंदे ने कहा कि लोगों ने इस उम्मीद के साथ मतदान किया कि वह महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे, उन्होंने कहा कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो समाज के इन वर्गों को गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कुछ सर्वेक्षण भी दिखाए जहां वे मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की मुख्य पसंद थे।’ वहीं बीजेपी नेतृत्व ने कहा कि उनकी पार्टी ने 132 सीटें जीती हैं, अगर अगला मुख्यमंत्री बीजेपी से नहीं होता है तो यह अनुचित होगा।

एकनाथ शिंदे की दूसरी शर्त
इसके बाद एकनाथ शिंदे ने दूसरी शर्त रखी कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया जाता है तो उन्हें गृह, वित्त और राजस्व विभाग दिए जाएं। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ये विभाग दिए जाते हैं और फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो राज्य में सत्ता को संतुलन बना रहेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद वह तय करेंगे कि किसे उपमुख्यमंत्री बनाया जाए। इसके बाद शाह ने महायुति के तीनों नेताओं को मुंबई में फिर से मिलने और उनसे वापस मिलने का निर्देश दिया।

शिंदे के तीसरे प्रपोजल में क्या
शिंदे ने आगे कहा कि अगर ये तीनों विभाग शिवसेना को नहीं दिए गए तो उनकी पार्टी सरकार का हिस्सा नहीं होगी। सूत्र ने कहा, ‘उन्होंने कहा कि शिवसेना राज्य में बाहर से समर्थन देगी और पार्टी के सात लोकसभा सांसद भी व्यापक हिंदुत्व के लिए नरेंद्र मोदी सरकार का बाहर से समर्थन करेंगे।’

शिंदे के अचानक गांव जाने से गरमाई सियासत
इस बीच, शिंदे, फडणवीस और अजीत पवार को सत्ता में हिस्सेदारी के फॉर्म्युले पर चर्चा करने के लिए शुक्रवार को मुंबई में मिलना था, लेकिन शिंदे ने इस बैठक को छोड़ दिया और सतारा में अपने गांव चले गए। राज्य में जब भी कोई राजनीतिक मोड़ आता है तो वह आमतौर पर इसी तरह अपने गांव जाते हैं।

महाराष्ट्र सीएम पर बढ़ता जा रहा सस्पेंस
मुख्यमंत्री को लेकर लगातार अनुमानों का घोड़ा दौड़ रहा है। कभी फडणवीस का नाम चल रहा है, तो कभी किसी और का। दिल्ली से वापसी के बाद चर्चा थी कि महायुति की बैठक होगी। दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक के बाद शिंदे ने कहा था कि सरकार गठन पर महायुति गठबंधन की अगली बैठक शुक्रवार को मुंबई में होगी। लेकिन दोपहर अचानक ही शिंदे अपने गांव निकल गए। इससे बैठक की आस खत्म हो गई।

बताया जा रहा है कि मंत्री पद के बंटवारे को लेकर शिंदे नाराज हैं इसलिए वे गांव चले गए। इसे शिंदे सेना के विधायक भरत गोगावले ने यह कहते हुए हवा दी कि हमारी सरकार में फडणवीस उपमुख्यमंत्री थे और उनके पास गृह विभाग का था। तब शिंदे के उपमुख्यमंत्री रहते हुए गृह विभाग क्यों नहीं होना चाहिए?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button