महाराष्ट्र राजनीति

Eknath Shinde: महाराष्ट्र सीएम पर फैसले में देरी एकनाथ शिंदे की वजह से नहीं, शिवसेना ने दी सफाई…आज लग सकती है फडणवीस के नाम पर मुहर

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महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने 5 दिसंबर के शपथ ग्रहण कार्यक्रम की पुष्टि की है। वहीं, एकनाथ शिंदे अस्वस्थ होने के वजह बताकर हाल ही में सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर चुके हैं।

Maharashtra: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद को लेकर गतिरोध की कयाबाजी को शिवसेना ने खारिज किया है। शिवसेना नेता दीपक केसरकर ने कहा कि नई सरकार के गठन में देरी के पीछे कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वजह नहीं हैं। केसरकर ने जोर देकर कहा कि शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर को पहले ही निर्धारित किया जा चुका है और राज्य के अगले सीएम का नाम तय करने के लिए अंतिम चर्चा सुचारू रूप से आगे बढ़ रही है। बढ़ती अटकलों को पर केसरकर ने कहा कि यह कहना गलत है कि एकनाथ शिंदे कारण हैं कि राज्य में सरकार नहीं बन पा रही है।”

मुख्यमंत्री का चेहरा आज घोषित होगा

भाजपा ने पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं और मुख्यमंत्री का चेहरा आज घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिंदे ने फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के हाथों में सौंप दिया है, जो महायुति गठबंधन की एकता और उद्देश्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। भाजपा, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजीत पवार के एनसीपी गुट वाले महायुति गठबंधन ने 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनावों में 288 में से 230 सीटें जीतकर शानदार जीत हासिल की।

भाजपा ने 132 सीटें, शिवसेना ने 57 और एनसीपी ने 41 सीटें जीती हैं, ऐसे में भाजपा के सरकार गठन में अग्रणी रहने की उम्मीद है, जिसमें देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे आगे चल रहे हैं। केसरकर ने आश्वासन दिया कि मुंबई के आजाद मैदान में आयोजित होने वाला शपथ ग्रहण समारोह, जिसमें पीएम मोदी भी शामिल होंगे, बिना किसी देरी के आगे बढ़ेगा।

5 दिसंबर को शपथ ग्रहण कार्यक्रम

वहीं, महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने 5 दिसंबर के शपथ ग्रहण कार्यक्रम की पुष्टि की, जो राज्य के लिए गठबंधन के रोडमैप में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। एकनाथ शिंदे अस्वस्थ होने के वजह बताकर हाल ही में सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर चुके हैं। उनका कहना है कि वह शीर्ष पद के लिए चर्चा में बाधा नहीं डालेंगे। केसरकर ने दोहराया कि एकनाथ शिंदे ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पीएम मोदी और अमित शाह का निर्णय अंतिम होगा। उन्होंने गठबंधन में शिंदे की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए सम्मान देने की अपील की।

श्रीकांत शिंदे ने उपमुख्यमंत्री पद पर चर्चा खारिज की

इस बीच, शिंदे के बेटे और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद के लिए विचार किए जाने की अटकलों का दृढ़ता से खंडन किया गया है। श्रीकांत ने अफवाहों को निराधार बताते हुए कहा कि मुझे सत्ता में किसी पद की कोई इच्छा नहीं है। मेरा ध्यान अपने लोकसभा क्षेत्र और अपनी पार्टी के विकास पर है। एनसीपी नेता अजित पवार ने भी पुष्टि की कि मुख्यमंत्री का पद भाजपा को मिलेगा, जबकि उपमुख्यमंत्री की भूमिका शिवसेना और एनसीपी के लिए आरक्षित रहेगी। केसरकर ने गठबंधन में भाजपा की अग्रणी भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि गृह विभाग, अन्य प्रमुख विभागों की तरह, हमेशा मुख्यमंत्री और गृह मंत्री द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाता है।


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