टेक्नोलॉजी

Digital Mail के दौर में डाक सेवाओं में कई नये आयाम जुड़े

Spread the love

Ahmedabad – ‘विश्व डाक दिवस’ पर उत्तर गुजरात परिक्षेत्र, अहमदाबाद के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने बुधवार को कहा कि विश्व भर में डाक सेवाओं में आमूल-चूल परिवर्तन आये हैं। फिजिकल मेल से डिजिटल मेल के इस दौर में डाक सेवाओं में विविधता के साथ कई नये आयाम जुड़े हैं।

यादव ने इस अवसर पर कहा कि डाककर्मी सरकारों और आमजन के बीच सेवाओं को प्रदान करने वाले एक अहम कड़ी के रूप में उभरे हैं। ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ न सिर्फ विश्व भर की डाक सेवाओं को जोड़ रहा है, बल्कि तमाम प्रतियोगितायें के माध्यम से युवाओं में रचनात्मकता का भी विकास कर रहा है। इसी क्रम में अहमदाबाद जीपीओ में उन्होंने ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन पत्र लेखन प्रतियोगिता’ में शांति एशियाटिक स्कूल, अहमदाबाद की हेतवी नितिन मेहता को परिमंडल स्तर पर प्रथम पुरस्कार के रूप में 25,000 रुपये और महाराजा अग्रसेन विद्यालय, अहमदाबाद की मीरा ठक्कर को द्वितीय पुरस्कार के रूप में 10,000 रुपये की नकद राशि और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

पोस्टमास्टर जनरल ने कहा कि ‘विश्व डाक दिवस’ का उद्देश्य विश्व भर में लोगों के दैनिक जीवन, व्यापार और सामाजिक और आर्थिक विकास में डाक सेवाओं की भूमिका के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। ‘एक विश्व-एक डाक प्रणाली’ की अवधारणा को साकार करने के लिये नौ अक्टूबर, 1874 को ‘यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन’ की स्थापना बर्न, स्विट्जरलैंड में की गयी, जिससे विश्व भर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके। भारत प्रथम एशियाई राष्ट्र था, जो कि एक जुलाई 1876 को इसका सदस्य बना। कालांतर में वर्ष 1969 में टोकियो, जापान में सम्पन्न यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन कांग्रेस में इस स्थापना दिवस नौ अक्टूबर को ‘विश्व डाक दिवस’ के रूप में मनाने हेतु घोषित किया गया। वर्ष 2024 में यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (UPU) अपनी 150वीं वर्षगांठ मना रहा है, अत: इस वर्ष की थीम है ‘संचार को सक्षम बनाने और राष्ट्रों के लोगों को सशक्त बनाने के 150 वर्ष’।

यादव ने कहा कि डाक विभाग देश के सबसे पुराने विभागों में से एक है जो कि देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारतीय डाक विभाग 170 वर्षों के अपने सफर में तमाम ऐतिहासिक और सामाजिक-आर्थिक घटनाक्रम का साक्षी रहा है। वर्तमान में सूचना एवं संचार क्रांति के चलते तमाम नवीन तकनीकों का आविष्कार हुआ है और डाक सेवाओं ने भी समय के साथ नव-तकनीक के प्रवर्तन, अपनी सेवाओं में विविधता एवं अपने व्यापक नेटवर्क के चलते विभिन्न संगठनों के उत्पादों और सेवाओं के वितरण एवं बिक्री के लिये उनसे गठजोड़ करके अपनी निरंतरता कायम रखी है। डाक विभाग की भूमिका में तमाम परिवर्तन आये हैं।

‘डाकिया डाक लाया’ के साथ ‘डाकिया बैंक लाया’ भी अब उतना ही महत्वपूर्ण है। पत्रों और पार्सल के साथ-साथ आधुनिक दौर में लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजें-आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस, बैंक चेक बुक, एटीएम जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ-साथ विभिन्न मंदिरों के प्रसाद, गंगा जल भी डाकघरों द्वारा ही पहुंचायी जा रही हैं। इण्डिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक समावेशन के तहत पोस्टमैन चलते-फिरते एटीएम के रूप में नई भूमिका निभा रहे हैं और जन सुरक्षा योजनाओं से लेकर आधार, डीबीटी, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, ई-श्रम कार्ड, वाहन बीमा,डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट तक की सुविधा प्रदान कर रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button