Dharavi Project: वे बड़े बंगले में रहते हैं… धारावी प्रोजेक्ट पर उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे आमने-सामने
उद्धव ठाकरे ने धारावी के पुनर्विकास प्रोजेक्ट को रद्द करने का वादा किया है। यह प्रोजेक्ट एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के लिए है। इस वादे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था कि धारावी परियोजना का मुंबई पर असर पड़ेगा और अगर वह सत्ता में आए तो इसे रद्द कर दिया जाएगा।
Mumbai: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती धारावी के पुनर्विकास की महत्वाकांक्षी परियोजना को रद्द करने का वादा किया है। उद्धव के इस चुनावी वादे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। महाराष्ट्र चुनाव के लिए अपनी पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए उद्धव ठाकरे ने कल कहा था कि धारावी परियोजना का मुंबई पर असर पड़ेगा और अगर वे सत्ता में आए तो इसे रद्द कर दिया जाएगा। इस पर शिंदे ने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) सहित तीन दलों का महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन परियोजनाओं को रोकने के अलावा कुछ नहीं जानता।
उद्धव पर भड़के शिंदे
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि क्या उन्हें परियोजनाओं पर रोक लगाने और उन्हें बंद करने के अलावा कुछ पता है? हम एमवीए से और क्या उम्मीद कर सकते हैं? धारावी में 1-2 लाख लोग खराब स्थिति में रहते हैं, जबकि ये नेता बड़े घरों में रहते हैं। एमवीए आगामी महाराष्ट्र चुनाव महायुति को सत्ता से बेदखल करने के लिए मिलकर लड़ रहा है। यह शिंदे के नेतृत्व वाली बीजेपी और शिवसेना गुट और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी गुट का गठबंधन है।
एमवीए पर बोला हमला
शिंदे ने कहा कि उनकी सरकार के पास सभी के लिए आवास है। उन्होंने MVA पर उनकी योजनाओं की नकल करने का आरोप लगाया और उन्हें उनके द्वारा किए गए कामों के बारे में बात करने की चुनौती दी। उन्होंने कहा कि मैं खुले तौर पर MVA को चुनौती देता हूं कि वे अपने द्वारा किए गए कार्यों के बारे में बात करें। वे केवल उन योजनाओं की नकल कर रहे हैं जिनकी घोषणा हमने की है। वे झूठे हैं और जनता उन पर विश्वास नहीं करेगी। जनता ने तय कर लिया है कि महायुति प्रचंड बहुमत से सरकार बनाएगी।
धारावी का प्लान क्या?दरअसल धारावी पुनर्विकास परियोजना 250 हेक्टेयर में फैली एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती को बदलने के लिए है। यह महाराष्ट्र सरकार और अडानी समूह का एक संयुक्त उद्यम है। परियोजना पूरी होने के बाद पात्र निवासियों को क्षेत्र में 350 वर्ग फीट के फ्लैट दिए जाएंगे। जो लोग पात्र नहीं हैं। उन्हें शहर में कहीं और बसाया जाएगा। पुनर्विकास परियोजना के हिस्से के रूप में स्कूल सामुदायिक हॉल और अस्पताल भी बनाए जाएंगे।