नई दिल्ली

Cyclone Dana: चक्रवात को किस देश ने दिया ‘दाना’ नाम; क्या होता है इसका मतलब, जानें

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चक्रवात दाना को लेकर ओडिशा, पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों के लिए अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि ओडिशा के तट से कभी भी ‘दाना’ चक्रवात टकरा सकता है। इस दौरान 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है। आईएमडी के मुताबिक, 24 और 25 अक्टूबर को कई स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।

New Delhi: चक्रवात ‘दाना’ को लेकर राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की 56 टीमों को ओडिशा, पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में तैनात किया गया है। बता दें कि चक्रवात किसी भी समय ओडिशा के तट से टकरा सकता है जिसके मद्देनजर भारतीय तटरक्षक ‘हाई अलर्ट’ पर हैं और समुद्र में किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए अपने जहाजों और विमानों को तैनात कर दिया है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि चक्रवात को नाम कैसे मिला और उसका हिंदी में क्या मतलब होता है।

किस देश ने दिया चक्रवात को नाम?
इस बार चक्रवात को ‘दाना’ नाम कतर से मिला है। दरअसल, चक्रवातों के लिए बनाए गए मानकों के आधार पर कतर ने ‘दाना’ नाम दिया है। आमतौर पर हर साल हमें दो-तीन चक्रवात देखने को मिलते हैं जिनके नाम बेहद अनोखे होते हैं। ‘दाना’ से पहले हम लोगों ने ‘असना’ का कहर देखा था और उससे भी पहले बिपरजॉय, रेमल जैसे तूफानों ने तटीय राज्यों में उथल-पुथल मचाई थी।

‘दाना’ का क्या है अर्थ
अरबी में ‘दाना’ का अर्थ ‘उदारता’ होता है और कतर ने क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नामकरण की मानक परंपरा के अनुसार इस चक्रवात का नाम चुना है।

कब हुई नामकरण की शुरुआत?
साल 1953 में अटलांटिक क्षेत्र में चक्रवातों के नामकरण की परंपरा शुरू हुई थी, लेकिन हिंद महासागर में साल 2000 में WMO/ESCAP के तहत नामकरण का सिलसिला शुरू हुआ। इस समूह में शुरुआत में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, ओमान और थाईलैंड शामिल थे, लेकिन 2018 में इस समूह का विस्तार हुआ जिसके बाद ईरान, कतर, सऊदी अरब, यमन और संयुक्त अरब अमीरत भी शामिल हो गए।

नामकरण की लिस्ट
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने साल 2020 में चक्रवातों के लिए 169 नामों के सुझाव वाली एक लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट में हर देश द्वारा सुझाए गए 13 नाम शामिल हैं।

भारी बारिश की संभावना
आईएमडी के मुताबिक, ओडिशा के चार जिलों जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा, बालासोर और भद्रक में चक्रवात दाना का अधिक प्रभाव रहेगा। इन जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है और बालासोर, मयूरभंज व जाजपुर जिलों में अलग-अलग क्षेत्रों में अत्यधिक भारी वर्षा (21 सेंटीमीटर से अधिक) हो सकती है।

बकौल आईएमडी, चक्रवात दाना के दस्तक देने की प्रक्रिया 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक जारी रहेगी। इस दौरान 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलने की संभावना है।

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