महाराष्ट्र

Congress Survey on Maharashtra Election: EVM तो बस एक बहाना है! महाराष्ट्र चुनाव से पहले ही हार गई थी कांग्रेस, सर्वे में हुआ था खुलासा

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महाराष्ट्र चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के अक्टूबर में हुए एक सर्वे में 103 सीटों को कवर किया गया था। इसमें महाविकास अधाड़ी (MVA) केवल 44 सीटों पर आगे चल रही थी। वहीं, लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 54 था। सर्वे में यह भी सामने आया था कि एकनाथ शिंदे सरकार की ‘लड़की बहिन योजना’ महाराष्ट्र में जोर पड़क रही है।

Maharashtra: लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन के बाद हरियाणा और महाराष्ट्र में कांग्रेस की हार पार्टी के लिए बड़ा झटका है। इन दोनों चुनाव के बाद कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष EVM के मुद्दे को एक बार फिर से जोर-शोर से उछाल रहा है। हालांकि, पार्टी के अंदर इसको लेकर मतभेद हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में इस बात का पता चल गया था कि पार्टी महाराष्ट्र में बुरी तरह हार रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक, अक्टूबर में हुए एक सर्वे में 103 सीटों को कवर किया गया था। इसमें महाविकास अधाड़ी (MVA) केवल 44 सीटों पर आगे चल रही थी। वहीं, लोकसभा चुनाव में यह आंकड़ा 54 था। वहीं, इसकी तुलना में, भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति 56 सीटों पर आगे थी, जबकि लोकसभा चुनाव के दौरान यह आंकड़ा 49 सीटों का था। जबकि, एक सीट पर अन्य व दो सीटों के नतीजे अस्पष्ट थे।

शिंदे की ‘लड़की बहिन योजना’ ने दिया झटका

कांग्रेस के आंतरिक सर्वे में यह भी सामने आया था कि एकनाथ शिंदे सरकार की ‘लड़की बहिन योजना’ महाराष्ट्र में जोर पड़क रही है। इस सर्वेक्षण में एक सवाल था कि क्या आप लड़की बहन योजना के बारे में जानते हैं? 103 सीटों पर हुए इस सर्वे में 57,309 लोगों ने प्रतिभाग किया था। इसमें 88% लोगों ने इस योजना के बारे में सकारात्मक उत्तर दिया था। इसमें 82 प्रतिशत लोगों ने कहा था कि उनके परिवार में इस योजना का कोई न कोई लाभार्थी है, जबकि 17 प्रतिशत ने कहा कि योजना के कारण उनकी मतदान प्राथमिकता बदल गई है।

कांग्रेस को मिला सिर्फ मुस्लिम वोटरों का साथ

इस सर्वेक्षण की रिपोर्ट में सामने आया था कि मुस्लिम एकमात्र ऐसा वर्ग है, जिसका साथ एमवीए को मिल रहा है। 103 सीटों पर हुए सर्वे में मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर एमवीए को एनडीए पर पूर्ण बढ़त मिली थी। जबकि अन्य सभी वर्गों- सामान्य, ओबीसी, एसबीसी, एससी, एसईबीसी, एसटी में महायुति एमवीए से आगे थी। सर्वे में यह भी सामने आया कि एनडीए ने सभी आयु समूहों में एमवीए का नेतृत्व किया, जो युवा मतदाताओं में सबसे अधिक है। इन 103 सीटों में से कांग्रेस ने 52, शिवसेना (यूबीटी) ने 28, एनसीपी शरद पवार ने 21 और सीपीएम और समाजवादी पार्टी ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था।

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