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BMC Elections: बीएमसी चुनाव में इस बार महायुति बनाम MVA नहीं, शिवसेना (यूबीटी) और बीजेपी के बीच मुकाबला

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बीएमसी चुनाव अगले साल अप्रैल में हो सकते हैं। शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा दोनों ने नगर निगम चुनावों के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। शिवसेना (यूबीटी) अकेले चुनाव लड़ेगी जबकि भाजपा ने 150 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। बीजेपी और उद्धव गुट ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।

Mumbai: बीएमसी चुनाव के इंतजार में 2024 बीत गया। अब बीएमसी इलेक्शन अगले साल अप्रैल में हो सकते हैं। इस बार से बीएमसी चुनाव बहुत दिलचस्प होंगे। चुनाव में शिवसेना (यूबीटी)बीजेपी के बीच टकराव की संभावना है। जहां उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना ने महा विकास अघाड़ी से अलग अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है, वहीं महायुति में भी बड़ा फैसला हो सकता है। बीजेपी या तो अलग चुनाव लड़ेगी या फिर सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते, सबसे ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी खड़ा करेगी।

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गुरुवार से पार्टी पदाधिकारियों की वार्डवार बैठकें शुरू कर दी हैं। वहीं भाजपा अगले सप्ताह बीएमसी चुनावों में 150 से ज्यादा सीटें जीतने के लक्ष्य के साथ अपना सदस्यता अभियान शुरू करेगी।

बीजेपी बनाम शिवसेना

शिवसेना (यूबीटी) और भाजपा दोनों ने ही नगर निगम चुनावों के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां शुरू कर दी हैं, जबकि गठबंधन में उनके सहयोगी कांग्रेस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अभी तक उसी स्तर पर तैयारियां शुरू नहीं की हैं।

बीजेपी का अभियान

मंत्री आशीष शेलार की अध्यक्षता में मुंबई भाजपा इकाई की कोर कमेटी की बुधवार को बैठक हुई। भाजपा विधायक अमित साटम ने कहा, ‘1 जनवरी से 15 जनवरी तक हम पूरे मुंबई में सदस्यता अभियान चलाएंगे। 5 जनवरी को हम बूथ स्तर पर स्टॉल और टेबल लगाएंगे और लोगों को भाजपा में शामिल करेंगे। हम 150 से अधिक सीटें जीतेंगे और बीएमसी में महायुति का मेयर होगा।’

मुंबई में बीजेपी का अध्यक्ष कौन?

शेलार के मंत्री बनने के बाद पार्टी जल्द ही नए शहर भाजपा प्रमुख की नियुक्ति करेगी। शेलार ने कहा, ‘परंपरा के अनुसार, मुंबई और महाराष्ट्र के लिए नए प्रमुखों पर चर्चा पहले कोर कमेटी में होगी और फिर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अभी तक इस मुद्दे पर मुंबई या राज्य की कोर कमेटी में चर्चा नहीं हुई है। चर्चा और निर्णय केंद्र के निर्देशों पर आधारित होंगे। हम पार्टी संगठन के सभी निर्णयों का पालन करेंगे।’

संजय राउत बोले- अकेले चुनाव लड़ने का मतलब MVA से अलग होना नहीं

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने पिछले सप्ताह कहा था कि अगर सेना (यूबीटी) बीएमसी चुनाव अकेले लड़ती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि एमवीए टूट जाएगा। उन्होंने कहा कि सेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता चाहते हैं कि वह बीएमसी चुनाव अपने दम पर लड़े। 2017 के बीएमसी चुनावों में शिवसेना-बीजेपी सत्ता में थी, लेकिन 227 सीटों वाले बीएमसी चुनाव में दोनों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। शिवसेना को 84 और बीजेपी को 82 सीटें मिली थीं।

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