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Bihar Hooch Tragedy: कहीं उजड़ा परिवार, कहीं पसरा मातम… बिहार में जहरीली शराब से त्राहिमाम; अब तक 33 की मौत

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बिहार में जहरीली शराब पीने से सीवान और सारण में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 हो गई। सीवान में अब तक कुल 79 लोगों को भर्ती कराया गया है। इसके अलावा सारण में भी कई लोग इलाज करवा रहे हैं। इस मामले में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

Bihar: बिहार के सिवान और सारण जिलों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो चुकी है। सीवान के जिला जनसंपर्क अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि अवैध शराब पीने से सीवान में मरने वालों की संख्या बढ़कर 28 हो गई। अब तक कुल 79 लोगों को भर्ती कराया गया है। वर्तमान में 8 लोगों का इलाज सदर अस्पताल सीवान में चल रहा है। 13 गंभीर रूप से बीमार लोगों को इलाज के लिए पीएमसीएच रेफर किया गया है। अब तक कुल 30 लोगों को अस्पताल से सफलतापूर्वक छुट्टी मिल चुकी है। इसके अलावा सारण में पांच लोगों की मौत की पुष्टि की गई थी। यानी कि बिहार में जहरीली शराब पीने से अब तक कम से कम 33 लोगों की मौत हो चुकी है।

अब तक 12 लोग गिरफ्तार
पुलिस महानिदेशक आलोक राज ने बताया कि नकली शराब पीने के मामले में 12 लोगों को कथित तौर पर नकली शराब बेचने के लिए गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि घटना के बाद दो विशेष जांच दल भी गठित किए गए हैं। स्थानीय स्तर पर गठित एक दल नवीनतम प्रकरण में शामिल आपराधिक बिंदुओं की जांच करेगा।

अब तक 12 लोग गिरफ्तार
इसके अलावा पटना में मद्य निषेध विभाग द्वारा एक और एसआईटी गठित की गई है, जो हाल के दिनों में हुई ऐसी सभी घटनाओं का व्यापक अध्ययन करेगी, जिसके आधार पर कार्रवाई की योजना बनाई जाएगी। अधिकारी ने यह भी बताया कि एक शराब माफिया का नाम सामने आया है। वह पहले भी इसी तरह के एक मामले में शामिल था और फिलहाल जमानत पर बाहर है। उन्होंने बताया कि हम मामले की सभी संभावित पहलुओं से जांच कर रहे हैं। दोनों जिलों के अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार रात सिवान के मगहर व औरिया पंचायत और सारण के मशरख में उस समय यह घटना हुई, जब कई स्थानीय लोगों ने शराब पी। बता दें कि बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने अप्रैल 2016 में राज्य में पूरी तरह से शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था।

जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष जारी
अधिकारियों ने बताया कि दर्जनों लोग अभी भी अस्पतालों में जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं, जिनमें से कई लोग नकली शराब के दुष्प्रभाव के कारण अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं। इससे पहले राज्य के मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा ने शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिए कठोर “सीसीए” (अपराध नियंत्रण अधिनियम) लाने की बात कही, लेकिन पत्रकारों द्वारा शराबबंदी कानून की कथित विफलता के बारे में पूछे जाने पर वह भड़क गए।

सीएम ने बुलाई समीक्षा बैठक
इस बीच, मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें उन्होंने संबंधित अधिकारियों को घटनास्थल का दौरा करने और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने राज्य के लोगों से ऐसे तत्वों से सावधान रहने की अपील की जो शराब के सेवन को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ की कोशिश कर रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा शराब पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद से शराब के कारण 150 से अधिक मौतें हुई है।

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