Appeal of All India Ulema Board: कांग्रेस और शरद पवार तोड़ लें उद्धव ठाकरे से नाता, गठबंधन से शिवसेना को करें बाहर

ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने उद्धव ठाकरे की पार्टी से नाराजगी जताते हुए कहा है कि उद्धव की शिवसेना की राजनीति मुस्लिम विरोधी है, वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आएंगे। इसलिए उन्हें एमवीएम से निकाल देना चाहिए।
Mumbai: ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड ने महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी की तरह कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार) को भी शिवसेना (यूबीटी) से गठबंधन तोड़ने की मांग की। बोर्ड ने UBT पर गठबंधन धर्म तोड़ने का आरोप लगाया है।
क्यों गुस्सा है उलेमा बोर्ड
बोर्ड की तरफ से जारी पत्र में कहा गया कि छह दिसम्बर को यूबीटी गुट ने समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर और बैनर लगाकर बाबरी मस्जिद की शहादत पर गर्व जताया था, जबकि महाविकास आघाड़ी की स्थापना इसी शर्त पर की गई थी कि किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जाएगी।
ठाकरे पर साधा निशाना
यही नहीं विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल ने भी बाबरी मस्जिद पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय के बाद शौर्य दिवस मनाना छोड़ दिया है। शिवसेना यूबीटी की यह हरकत साबित करती है कि उन्होंने जानबूझकर मुसलमानों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। बोर्ड ने कहा है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना मुस्लिम विरोधी राजनीति पर आधारित है और वह कभी अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगी।
उद्धव को दिलाई सीट की याद
बोर्ड ने यूबीटी को याद दिलाते हुए कहा कि विधानसभा चुनावों में शिवसेना (यूबीटी) द्वारा जीती गई 20 सीटों में से अधिकांश मुस्लिम बहुल क्षेत्रों से हैं।बोर्ड ने पत्र में कहा कि मुसलमान अक्सर भावनाओं में बहकर वोट देते हैं, जिससे मुस्लिम नेतृत्व उभर नहीं पाता..विधानसभा में टिकट बटवारे के तुरंत बाद बोर्ड ने मुसलमानों को सावधान किया था कि उद्धव ठाकरे के दिल में खोट है वह केवल मुसलमानों का वोट लेना चाहते हैं..मुसलमानों को प्रतिनिधित्व देना या उनकी समस्याओं को सुलझाना उनका उद्देश्य नहीं है।