Ansarullah Bangla Team: बांग्लादेश में हिंदुओं को टारगेट कर रहा है अंसारुल्लाह बांग्ला टीम, आतंकी संगठन पर हुआ बड़ा खुलासा
बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न लगातार जारी है और अब अंसारुल्लाह बांग्ला टीम यानी ABT पर बड़ा खुलासा हुआ है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेल से बाहर आने के बाद रहमानी ने फिर से आतंकी संगठन को मजबूत किया और हिंदुओं को टारगेट करना शुरू कर दिया है।
New Delhi: बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न लगातार जारी है और अब अंसारुल्लाह बांग्ला टीम यानी ABT पर बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकी संगठन एबीटी बांग्लादेश में हिंदुओं को टारगेट कर रहा है। नई सरकार आने के बाद फिर से बांग्लादेश में ये आतंकी संगठन सक्रिय हो गया है। नई सरकार के आते ही ABT चीफ मुफ्ती जशीमुद्दीन रहमानी को जेल से रिहा कर दिया गया था। वह 15 फरवरी 2013 को एक बांग्लादेशी ब्लॉगर राजीव हैदर की हत्या के आरोप में जेल में बंद था।
शेख हसीना ने कसा था शिकंजा
जब तक बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार थी उसने एबीटी पर शिकंजा कसा था। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, जेल से बाहर आने के बाद रहमानी ने फिर से संगठन को मजबूत किया और हिंदुओं को टारगेट करना शुरू कर दिया। बांग्लादेश हिंदुओं और गैर-बांग्लादेशी हिंदू दोनों ही एबीटी और जमात ए इस्लामी संगठन के टारगेट पर हैं। शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद छात्र आंदोलन की आड़ में ABT और जमात ए इस्लामी ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय और मंदिरों को टारगेट किया था।
ISIS से प्रभावित
आईएसआईएस (ISIS) की तर्ज पर एबीटी इस्लामिक स्टेट में विश्वास रखता है। अब भारत में भी नार्थ ईस्ट के रास्ते घुसपैठ की साजिश हो रही है। साल 2023 में असम में पहले भी ABT के कई मॉड्यूल पकड़े जा चुके हैं। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का ABT को पूरा सपोर्ट है। वहीं, ABT आतंकी संगठन को लेकर देश की तमाम खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं और इसकी हरकतों पर नजर रखी जा रही है।
मो. यूनुस ने हमले की बात नकारी
बता दें कि बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मो. यूनुस ने देश के हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हालिया हिंसा को अधिक महत्व नहीं देते हुए इसे देश को अस्थिर करने के राजनीतिक उद्देश्यों वाला एक अतिरंजित प्रचार बताया था। यूनुस ने स्वीकार किया कि हिंसा हुई है, लेकिन उन्होंने जोर देकर कहा कि यह राजनीतिक प्रकृति की थी और इसे सांप्रदायिक रंग दे दिया गया। हिंदुओं के घरों, व्यवसायों और धार्मिक स्थलों पर हमलों की बाढ़ के बीच सुरक्षा की मांग को लेकर हजारों हिंदुओं के हफ्तों के विरोध प्रदर्शन के दौरान यूनुस ने यह टिप्पणी की थी।