मुंबई

Ajit Pawar News: सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार को क्यों दी नसीहत, अब अपने पैरों पर खड़े हो जाएं

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सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपी प्रमुख अजित पवार को शरद पवार की तस्वीर का उपयोग चुनाव में नहीं करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पार्टी में बंटवारे के बाद दोनों की विचारधारा अलग-अलग है, इसलिए अजित पवार अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करें

Mumbai: चाचा शरद पवार से पार्टी की बंटवारे के बाद अजित पवार महाराष्ट्र चुनाव में अपनी ताकत की आजमाइश कर रहे हैं। 38 सीटों पर उनका चाचा शरद पवार से सीधा मुकाबला है। इस चुनावी माहौल में भी चाचा-भतीजे के बीच चल रही कोर्ट-कचहरी के फैसले अजित पवार का पीछा नहीं छोड़ रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले 19 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ घड़ी चुनाव चिन्ह के उपयोग की अनुमति दी थी। अब सुप्रीम अदालत ने अजीत पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को चुनाव प्रचार में शरद पवार के नाम, वीडियो और फोटो का इस्तेमाल नहीं करने के निर्देश दिए है।

अजित गुट के पोस्टर पर पहले से ही गायब हैं शरद पवार
महाराष्ट्र चुनाव के प्रचार के दौरान अजित पवार फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ एनसीपी बल्कि अपने विधानसभा क्षेत्रों के बीजेपी कार्यकर्ताओं को हिदायत दे रखी है कि शरद पवार के खिलाफ अनावश्यक बयानबाजी नहीं करे। उनके प्रचार सामग्री में शरद पवार की तस्वीर पहले से ही गायब है, मगर सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कानूनी मुहर लगाकर उनकी मुश्किल बढ़ा दी है। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और उज्जल भुइयां की पीठ ने एनसीपी के अजीत पवार गुट को बता दिया कि उन्हें अपनी अलग पहचान के आधार पर चुनाव लड़ना है, न कि शरद पवार की पहचान के आधार पर। कोर्ट ने कहा कि अब जब शरद पवार के साथ आपके वैचारिक मतभेद हैं, तो आप अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश करें।

घड़ी चुनाव चिन्ह पर अंतिम फैसला होना बाकी
बता दें कि पिछले साल पार्टी में बगावत के बाद चुनाव चिन्ह और शरद पवार के नाम के उपयोग का मुद्दा कोर्ट और चुनाव आयोग में पहुंचा था। असली एनसीपी की लड़ाई पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी सुनवाई की थी। अजित पवार के गुट को विधानसभा अध्यक्ष ने असली एनसीपी का दर्जा दे दिया। इसके बाद चुनाव आयोग में भी अजित चुनाव चिन्ह और असली पार्टी की लड़ाई जीत गए। निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, जिसमें दो मुद्दे महत्वपूर्ण थे। शरद पवार ने घड़ी चुनाव चिन्ह पर दावा ठोक दिया। साथ ही अजित गुट पर वोटरों को बरगलाने का आरोप लगाते हुए अपनी तस्वीर, वीडियो और नाम के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई।

चुनाव से पहले अजित पवार को दी थी राहत
चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने डिस्क्लेमर के साथ घड़ी का इस्तेमाल करने की इजाजत देकर अजित पवार को राहत दी थी। अदालत ने अजित पवार गुट को अभियान सामग्री में शरद पवार के नाम और तस्वीरों के उपयोग पर रोक लगा दी थी। शरद पवार गुट को अपनी पार्टी के नाम के रूप में ‘राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद चंद्र पवार’ और ‘तुरही बजा रहे आदमी’ चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति मिल गई।

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