मुंबई

शरद पवार का आखिरी चुनाव अपील, मनोज जरांगे का मराठा आंदोलन… महाराष्ट्र में वोट ट्रांसफर बड़ा सवाल, समझिए कैसे

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महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। भाजपा 148 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। महिलाओं के लिए योजनाओं से भाजपा को बड़ा फायदा होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी भाजपा के लिए काम कर रहा है। शरद पवार की अपील से भाजपा को नुकसान हो सकता है। किसानों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की गई है।

Mumbai: महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। महायुति और महाविकास अघाड़ी, दोनों ही वोटर्स को लुभाने में जुटे हैं। घोषणापत्र में लुभावने वादे किए गए हैं। इनके जरिए दोनों गठबंधन उम्मीद कर रहे हैं कि अगली सरकार उनकी ही बनेगी। BJP सबसे ज्यादा 148 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वह मान रही है कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना का उन्हें बड़ा फायदा मिलेगा। जमीन पर भी इसका असर है। महिलाओं के अकाउंट में पैसे आए हैं और एक दिन पहले ही महायुति सरकार के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस स्कीम के तहत मिलने वाली राशि को 1500 से बढ़ाकर 2100 करने का एलान किया है। BJP को उम्मीद है कि इस स्कीम की बदौलत उसे महिलाओं का समर्थन मिलेगा। मध्य प्रदेश में भी इस तरह की स्कीम ने BJP के पक्ष में काम किया।

एक्टिव हो चुका है संघ

BJP के नेता अनौपचारिक बातचीत में बता रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में बहुत सारे पार्टी समर्थक वोट देने पोलिंग बूथ तक नहीं पहुंचे। वे छुट्टी मनाने निकल गए। वे इसे लेकर आत्मग्लानि में हैं कि उनके वोट देने न जाने से BJP की सीटें कम हुई। इसलिए अब वे बढ़-चढ़कर काम कर रहे हैं और मोटिवेटेड हैं। महाराष्ट्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काफी मजबूत है। संघ ने वोटिंग से पहले छोटी-छोटी करीब 60 हजार बैठकें करने की योजना बनाई है। संघ लोकसभा चुनाव के वक्त एक्टिव नहीं था लेकिन हरियाणा विधानसभा चुनाव में वह सक्रिय दिखा और महाराष्ट्र में भी काम कर रहा है।

साथ ही BJP को काडर बेस पार्टी होने का भी फायदा होगा। BJP के अलग-अलग प्रदेशों के नेताओं ने महाराष्ट्र में डेरा डाला है और वे अलग-अलग रीजन में पूरा चुनाव मैनेजमेंट देख रहे हैं। चुनाव जीतने के लिए एक बड़ा फैक्टर यह भी है।

शरद पवार और मनोज जरांगे काटेंगे वोट?

वहीं NCP (SP) के प्रमुख शरद पवार की इमोशनल अपील कुछ इलाकों में BJP की दिक्कत बढ़ा सकती है। BJP नेता भी अनौपचारिक बातचीत में इसे मान रहे हैं। शरद पवार ने इसे अपना आखिरी चुनाव बताते हुए लोगों से साथ देने की अपील की है। मराठा आरक्षण आंदोलन का चेहरा मनोज जरांगे ने भी अपने कैंडिडेट वापस ले लिए हैं। इसका BJP को नुकसान होगा। अगर जरांगे के कैंडिडेट रहते तो महाविकास अघाड़ी के वोट बंटते और BJP को फायदा होता। स्थानीय स्तर पर BJP नेता लगातार कह रहे हैं कि पार्टी के कुछ नेताओं की वजह से महाराष्ट्र में OBC लीडरशिप खत्म हो गई है।

पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भले ही OBC हों, लेकिन BJP के लोग भी मान रहे हैं कि OBC में BJP को बड़ा नुकसान हुआ है। BJP नेताओं को यह चिंता भी सता रही है कि अजीत पवार की NCP के वोट BJP को ट्रांसफर होंगे या नहीं। BJP के एक नेता ने कहा कि शिवसेना और BJP नैचरल पार्टनर हैं। एकनाथ शिंदे की शिवसेना का वोट तो BJP को ट्रांसफर हो जाएगा, लेकिन NCP को लेकर हम पूरे भरोसे से यह बात नहीं कह सकते।

नाराजगी का नैरेटिव

मुंबई, पुणे सहित अर्बन एरिया में यह नैरेटिव भी दिख रहा है कि मिडल क्लास को कुछ नहीं मिला। जहां मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना से BJP महिलाओं के सपोर्ट की उम्मीद कर रही है वहीं मध्य वर्ग और टैक्सपेयर्स में इसे लेकर नाराजगी भी दिख रही है। यह नैरेटिव भी चल रहा है कि महाराष्ट्र से बिजनेस गुजरात जा रहा है। ऐसी बातें BJP के लिए चिंता का सबब हैं। इससे BJP को अर्बन एरिया में नुकसान का डर है। महाराष्ट्र में इसकी भी खूब चर्चा है और नाराजगी भी है कि BJP की वजह से राजनीति में रायता फैला है, दो शिवसेना, दो NCP मिलाकर सात पार्टियां हो गई हैं। इसका भी BJP को नुकसान हो सकता है।

लोकसभा चुनाव में BJP महाराष्ट्र में उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई। लेकिन हरियाणा की जीत से कार्यकर्ताओं में उत्साह है। BJP समर्थकों के बीच यह चर्चा का विषय है कि पार्टी कमजोर हुई तो हिंदुओं पर हमले शुरू हो गए। यूपी सीएम का बयान- ‘कटेंगे तो बटेंगे’ भी अपना असर दिखा रहा है। BJP नेता मान रहे हैं कि हिंदू वोट बैंक एकजुट हो रहा है, जिसका फायदा मिलेगा। प्याज, सोयाबीन और कपास किसानों की जो नाराजगी थी उसे लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र सरकार ने दूर करने की कोशिश की। BJP के एक नेता ने कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस यह नैरेटिव चलाने में सफल रही थी कि संविधान बदलेगा और आरक्षण खत्म होगा। लेकिन अब यह नैरेटिव खत्म हो गया है।

टिकट बंटवारे और गठबंधन के साथियों के साथ सीट शेयरिंग के बाद BJP में बगावत के खूब सुर फूटे। कई ने इस्तीफा दिया, कई बिदक गए। इसका असर भी नतीजों पर दिखेगा। हालांकि BJP नेताओं का कहना है कि महायुति से ज्यादा बगावत महाविकास अघाड़ी में है, इसलिए इसका कोई खास नुकसान BJP को नहीं होगा। BJP 148 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और यह नैरेटिव बनाने की कोशिश भी कर रही है कि वही स्थिर सरकार दे सकती है। BJP नेता मान रहे हैं कि इसका उन्हें फायदा होगा।

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