New Delhi – भारतीय रिजर्व बैंक ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) को व्यापक रूप से अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए यूपीआई लाइट और यूपीआई 123 के उपयोगकर्ताओं के लिए भुगतान की सीमा बढ़ाने का निर्णय लिया है।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक के बाद गुरूवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि यूपीआई 123 को मार्च 2022 में लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य फीचर-फोन उपयोगकर्ताओं को यूपीआई का उपयोग करने में सक्षम बनाना था। यह सुविधा अब 12 भाषाओं में उपलब्ध है।
वर्तमान में यूपीआई123 पे में प्रति-लेनदेन सीमा 5000 रुपये तक सीमित है। उपयोग के मामलों को व्यापक बनाने के लिए हितधारकों के परामर्श से प्रति-लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 10,000 रुपये करने का निर्णय लिया गया है। एनपीसीआई को जल्द ही आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यूपीआई लाइट की वर्तमान में प्रति लेनदेन 500 रुपये की सीमा और यूपीआई लाइट वॉलेट के लिए 2000 रुपये की कुल सीमा लागू है, जिसमें ऑटो-रिप्लेनिशमेंट की सुविधा भी शामिल है।
इस उत्पाद के उपयोग के दायरे को बढ़ाने के लिए अब यूपीआई लाइट वॉलेट की सीमा को बढ़ाकर 5,000 रुपये और प्रति लेनदेन सीमा को बढ़ाकर 1,000 रुपये करने का निर्णय लिया गया है। ऑफलाइन डिजिटल मोड में छोटे मूल्य के भुगतान की सुविधा के लिए रिजर्व बैंक द्वारा जारी रूपरेखा, जिसके तहत यूपीआई लाइट को सक्षम किया गया है, में उचित संशोधन किया जाएगा।