बारामती में पीएम नरेंद्र मोदी की रैली नहीं चाहते अजित पवार, NCP के इलाके से दूर ही रहेंगे BJP के स्टार प्रचारक, जानिए वजह
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NCP प्रमुख अजित पवार ने महाराष्ट्र चुनाव में रणनीतिक रुख अपनाते हुए योगी आदित्यनाथ के बयानों से दूरी बना ली है और बारामती में पीएम नरेंद्र मोदी के प्रचार को भी ज़रूरी नहीं बताया है। उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र में ‘घर की लड़ाई’ का हवाला देते हुए यह फैसला लिया है।
Pune: महायुति के पार्टनर NCP के अध्यक्ष अजित पवार महाराष्ट्र चुनाव में नाप तौल कर रणनीति बना रहे हैं। पहले उन्होंने ‘बंटोगे तो कटोगे’ का भाषण देने वाले बीजेपी के स्टार प्रचारक योगी आदित्यनाथ के हिंदुत्ववादी बयानों से किनारा कर लिया, फिर उन्होंने शिवाजी मानखुर्द नगर में अपने प्रत्याशी नवाब मलिक के लिए प्रचार करने की घोषणा कर दी। अब उन्होंने कहा है कि बारामती में पीएम नरेंद्र मोदी को प्रचार करने की जरूरत नहीं है। जानकारी के मुताबिक, उन्होंने अपनी पार्टी एनसीपी के चुनावी सभाओं से अमित शाह समेत बीजेपी नेताओं को दूर करने की रणनीति बनाई है।
सात दिनों में धुआंधार नौ जनसभा करेंगे पीएम मोदी
महाराष्ट्र चुनाव प्रचार में अभी 10 दिन बचे हैं और पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार से अपने अभियान की शुरुआत करने वाले हैं। वह उत्तर महाराष्ट्र के धुले में पहली चुनावी सभा करेंगे, इसके बाद नासिक में भी जनसभा होगी। 9 नवंबर को अकोला और नांदेड़ में कार्यकर्ताओं की रैली को संबोधित करेंगे। बीजेपी की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी 12 नवंबर को पुणे में रोड शो करेंगे। अगले एक सप्ताह में वह 9 रैलियां करेंगे। इसके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम भी तय किए गए हैं। बीजेपी के दिग्गज नेता एनसीपी उम्मीदवारों के चुनाव क्षेत्र से दूर ही रहेंगे।
बारामती में है घर की लड़ाई, पीएम मोदी की जरूरत नहीं
पुणे में महाराष्ट्र के डिप्टी अजित पवार ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके बारामती निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी रैली करने का अनुरोध नहीं किया, क्योंकि वहां परिवार के बीच ही चुनावी लड़ाई है। अजित पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। युगेंद्र शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं। जब उनसे पूछा गया कि उनकी पार्टी एनसीपी उम्मीदवार भी अपने निर्वाचन क्षेत्रों में अमित शाह जैसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं की रैलियां क्यों नहीं चाहते हैं। अजितपवार ने कहा कि ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि प्रचार के लिए ज्यादा समय नहीं बचा है और चुनाव खर्च की सीमा भी है।
अजित पवार का दावा, बड़ी जीत हासिल करेंगे
बारामती में उनकी जीत का अंतर क्या होगा, अजित पवार ने कहा कि वह निर्वाचन क्षेत्र में घूमने और लोगों से बात करने के बाद ही जवाब दे पाएंगे। उन्होंने कहा कि वह अपनी जीत के लिए सौ प्रतिशत निश्चिंत हैं और दावा किया कि जीत का अंतर भी बड़ा होगा। 2019 के राज्य चुनावों में अजित पवार ने बीजेपी के गोपीचंद कुंडलिक पडलकर को रिकॉर्ड 1.65 लाख वोटों हराकर जीत हासिल की थी।
बीजेपी नेताओं के प्रचार से वोट बैंक के छिटकने का डर
हालांकि सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ जाने का खमियाजा अजित पवार को भुगतना पड़ा था। उनकी पार्टी को सिर्फ एक सीट हासिल हुई थी। मराठा और मुस्लिम जैसे ट्रडिशनल वोटर भी उनसे छिटक गए थे। इस चुनाव में वह महायुति के साथ रणनीतिक तौर पर साथ हैं, मगर अपने वोटरों को नाराज नहीं करना चाहते हैं।